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Uttarakhand: अबतक मानसून सीजन में 102 लोगों की गई जान, 1000 करोड़ का हुआ नुकसान

01:22 PM Sep 30, 2023 IST | NAMITA DIXIT
uttarakhand  अबतक मानसून सीजन में 102 लोगों की गई जान  1000 करोड़ का हुआ नुकसान

Uttarakhand: इस साल उत्तराखंड में मानसून सीजन में जनहानि के साथ साथ खेती-बागवानी और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया है। बता दें अतिवृष्टि, भूस्खलन, चट्टान गिरने की विभिन्न घटनाओं में 102 लोगों की जान चली गई। वहीं कृषि, सड़क, बिजली-पानी लाइनों समेत विभिन्न सेक्टर में एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
मानसून सीजन अब विदाई के करीब आ चुका है
आपको बता दें पिछले नौ साल में केवल वर्ष 2015 ही एक ऐसा साल था जब सबसे कम जनहानि हुई। वर्ष 2015 में प्राकृतिक आपदाओं से जुड़ी 200 अलग अलग घटनाओं ने 44 लोगों की जिंदगी लील ली थी। इस साल का मानसून सीजन अब विदाई के करीब आ चुका है। माना जा रहा है कि दो तीन दिन के भीतर यह विधिवत तय भी हो जाएगा।रुक रुक हुई मूसलाधार बारिश की वजह से इस साल काफी नुकसान हुआ है। खासकर जलभराव के कारण खेती-बागवानी को ज्यादा नुकसान हुआ है। राज्य आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम के आंकड़ों के अनुसार खेती को सबसे ज्यादा नुकसान हरिद्वार में हुआ।
अंतिम रूप से अध्ययन करने के बाद प्रबंधन विभाग को सौंपा जाएगा
जोशीमठ के भूधंसाव से सबक लेते हुए गोपेश्वर और कर्णप्रयाग में जल निकासी का सिस्टम तैयार किया जा रहा है। इसकी मदद से पानी के भूमि के भीतर होने वाले रिसाव को नियंत्रित किया जाना है। जोशीमठ में भूधंसाव का मुख्य कारण बारिश और घरों के पानी का जमीन के भीतर जमा होना भी पाया गया है।मुख्य अभियंता-गढ़वाल सुभाष चंद्र पांडे के अनुसार दोनों शहरी के जल निकासी सिस्टम का खाका तैयार हो गया है। उसका अंतिम रूप से अध्ययन करने के बाद आपदा प्रबंधन विभाग को सौंपा जाएगा। मालूम हो कि जोशीमठ में जमीन के धंसने की वजह से इस साल जनवरी से मकानों में दराने आना शुरु हो गया था।

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NAMITA DIXIT

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