उत्तराखंड के सीएम धामी ने विश्व पर्यावरण दिवस पर ' green heroes' को सम्मानित किया
विश्व पर्यावरण दिवस पर उत्तराखंड के ‘ग्रीन हीरोज’ को मिला सम्मान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाले ‘पर्यावरण योद्धाओं’ को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जागरूकता पोस्टर का विमोचन भी किया तथा ईको टूरिज्म कॉरपोरेशन द्वारा तैयार पोर्टल का लोकार्पण भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्लास्टिक मुक्त उत्तराखण्ड की शपथ दिलाई तथा स्कूली बच्चों को कपड़े के थैले प्रदान किए।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाले ‘पर्यावरण योद्धाओं’ को सम्मानित किया।
छात्रों ने पुष्प भेंट कर पुष्कर सिंह धामी का स्वागत किया और उन्हें बधाई दी। सीएम धामी ने कहा, “इस दिन हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि पर्यावरण को संरक्षित करने और इस चुनौती से पार पाने के लिए हम अपने स्तर पर हर संभव प्रयास करेंगे। अगर कहीं भी कोई आपदा आती है – चाहे वह चमोली, धारचूला या उत्तरकाशी में हो – तो इसका असर हम सभी पर पड़ता है, चाहे वह देहरादून, दिल्ली या देश में कहीं भी रहने वाले लोग हों। हम सभी इससे प्रभावित होते हैं। हम भाग्यशाली हैं कि उत्तराखंड प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता से समृद्ध है।”
गर निगम रुद्रपुर से उप नगर आयुक्त शिप्रा जोशी ने यह पुरस्कार प्राप्त किया। विजय जड़धारी एवं प्रताप सिंह पोखरियाल को सुन्दर लाल बहुगुणा प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार-2025 (गैर सरकारी श्रेणी) से सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जागरूकता पोस्टर का विमोचन भी किया तथा ईको टूरिज्म कॉरपोरेशन द्वारा तैयार पोर्टल का लोकार्पण भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्लास्टिक मुक्त उत्तराखण्ड की शपथ दिलाई तथा स्कूली बच्चों को कपड़े के थैले प्रदान किए।
मुख्यमंत्री ने वन विभाग को इस वर्ष प्रदेश के प्रत्येक वन प्रभाग में कम से कम एक हजार फलदार वृक्ष लगाने के निर्देश दिए। ताकि जंगली जानवरों के लिए पर्याप्त भोजन उपलब्ध हो सके। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों एवं यात्रियों से आग्रह किया कि वे जानवरों को ऐसी चीजें न खिलाएं जो उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हों।
मुख्यमंत्री ने विश्व पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड प्राकृतिक सौन्दर्य एवं जैव विविधता से परिपूर्ण राज्य है। घने जंगल, पवित्र नदियां एवं हिमालय के ग्लेशियर राज्य की भौगोलिक पहचान हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयासों से भारत अक्षय ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में विश्व स्तर पर आगे बढ़ रहा है। सोलर मिशन, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, नमामि गंगे अभियान एवं प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान जैसी योजनाएं पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोकपर्व हरेला को प्रकृति संरक्षण के महापर्व के रूप में बड़े पैमाने पर मनाती है। राज्य के पारंपरिक जल स्रोतों जैसे नौला, धारा एवं बरसाती नदियों के संरक्षण के लिए स्प्रिंग एवं रिवर रिजुवेनेशन अथॉरिटी (सारा) का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष राज्य में 6500 से अधिक जल स्रोतों का सफलतापूर्वक संरक्षण एवं उपचार किया गया है।
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वर्षा जल का संग्रहण भी किया गया है। चारधाम यात्रा समेत विभिन्न धार्मिक, पर्यटन व अन्य अवसरों पर राज्य में आने वाले वाहनों में डस्टबिन रखना अनिवार्य कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में राज्य में आयोजित राष्ट्रीय खेलों का आयोजन ‘ग्रीन गेम्स’ की थीम पर किया गया था। इस आयोजन में सभी पदक व पुरस्कार ई-वेस्ट सामग्री से बनाए गए थे तथा खेल किट रिसाइकिल सामग्री से तैयार किए गए थे। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड पर्यावरण के प्रति संवेदनशील है। इसका परिणाम है कि आज उत्तराखंड कार्बन अवशोषित करने वाले देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण में हमने जनसहभागिता को प्राथमिकता दी है।