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400 घंटों बाद मजदूरों ने जीती जंग, अस्पताल पहुंचे सभी मजदूर

08:48 AM Nov 29, 2023 IST | NAMITA DIXIT
Uttarkaaashi Tunnel Update

Uttarkaaashi Tunnel Update: सुरंग से मंगलवार शाम 7 बजकर 45 मिनट पर 400 घंटों बाद मजदूरों को बाहर निकाला गया। इसके बाद धीरे-धीरे करके सभी मजदूरों को सुरक्षित रेस्कूय कर लिया गया। सभी को बाहर निकालने के बाद उन्हें 17 एंबुलेंस की मदद से चिल्यालीसौड अस्पताल ले जाया गया।इस दौरान सफल रेस्क्यू को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सभी टीम को बधाई थी। साथ ही मजदूरों के हिम्मत की भी दाद दी।

दरअसल, उत्तराखंड के उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग (Silkyara Tunnel) में 12 नवंबर को दीपावली के दिन अचानक आए भूस्खलन ने देश और दुनिया को हिला कर रख दिया था। ऐसा इसलिए क्योंकी उस वक्त एक ओर जहां देशभर में दीपावली की तैयारी जोरो-शोरों पर हो रही थी। वहीं 41 मजदूरों की जिंदगी सुरंग के अंदर कैद हो गई थी। जिसके बाद उन मजदूरों के परिवार की खुशियों को जैसे ग्रहण ही लग गया।

बड़ी-बड़ी मशीनों को रेस्क्यू के काम में लिया

आपको बता दें प्रशासन और शासन तक हादसे की जानकारी पहुंचते ही बड़े स्तर पर रेस्क्यू का काम शुरू किया गया। सुरंग के अंदर भूस्खलन के कारण काफी ज्यादा मात्रा में मलबा आ जाने के कारण खुदाई कर या फिर हाथ से मलवा हटा कर मजदूरों को बाहर नहीं निकाला जा सकता था।ऐसे में बड़ी-बड़ी मशीनों को रेस्क्यू के काम में लिया गया। इस दौरान अमेरिकी ऑगर मशीनों की मदद ड्रिलिंग के काम के लिए ली गई।

Vertical Drilling पर भी शुरू कर दिया था काम

सुरंग में ड्रिलिंग के लिए मंगाई गई अमेरिकी ऑगर मशीनों को भारतीय वायुसेना के हवाई जहाज के माध्यम से उत्तरकाशी में पहुंचाया गया। फिलहाल सुरंग के अंदर ड्रिल करने में कई बार मशीनों को दिक्कत का सामना करना पड़ा। जिस दौरान कई बार मशीनों को काम करने से भी रोका गया और उनकी मरम्मत का काम किया गया। वहीं प्रशासन ने दूसरा विकल्प निकालते हुए सुरंग के ऊपर वर्टिकल ड्रिलिंग पर भी काम शुरू कर दिया।

पाइप की मदद से खाना-पानी और हवा की व्यवस्था की

प्रशासन ने मजदूरों को सुरंग के अंदर जिंदा रखने के लिए अपनी तैयारी पूरी रखी थी. रेस्क्यू के काम में लंबा समय लगने के अंदेशे को देखते हुए प्रशासन ने सबसे पहले छोटे 60 एमएम के पाइप को ड्रिल कर मजदूरों तक पहुंचाया था। जिसके बाद उसमें लगे पाइप की मदद से खाना-पानी और हवा की व्यवस्था की गई। जिससे समय-समय पर खाना और पानी के साथ ही दवा भेज कर सभी मजदूरों को जिंदा रखा गया।

सभी 41 मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाला गया

Uttarkaaashi Tunnel Update: वहीं 25 नवंबर को ऑगर मशीन के टूटने के कारण रेस्क्यू का काम रोका गया। जिसने सभी के दिलों की धड़कनें बढ़ा दी थी। फिलहाल रेस्क्यू के 17वें दिन रैट होल माइनिंग तकनीक का इस्तेमाल कर रैट माइनर्स ने पाइप के अंदर जाकर हाथों से पाइप के सामने आ रहे मलवे को हटाया और आगे का रास्ता बनाया और अंत में सभी 41 मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाला गया।

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