टीकाकरण अभियान: चुनौतियाँ और आगे का रास्ता
भारत ने बाल स्वास्थ्य और टीकाकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है, लेकिन अभी भी कई चुनौतियाँ बाकी हैं। वैक्सीन हिचकिचाहट, प्रवासी आबादी तक पहुँच और दुर्गम क्षेत्रों में टीकाकरण जैसी बाधाओं को दूर करने के लिए सरकार ने एक बहुस्तरीय रणनीति अपनाई है। केंद्र, राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर टास्क फोर्स की सक्रिय भूमिका से टीकाकरण अभियानों को सफलतापूर्वक लागू किया जा रहा है।
जागरूकता और तकनीक का उपयोग
गलत सूचनाओं को रोकने और टीकों में विश्वास बढ़ाने के लिए सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) अभियान चलाए जा रहे हैं। साथ ही, U-WIN जैसी डिजिटल तकनीकों और 'लास्ट-माइल डिलीवरी' तंत्र को मजबूत करके दूरदराज के इलाकों तक वैक्सीन पहुँचाने पर जोर दिया जा रहा है।
बाल स्वास्थ्य में एक वैश्विक मिसाल
भारत का टीकाकरण कार्यक्रम दुनिया के लिए एक उदाहरण बन चुका है। नीतिगत सुधारों, अभिनव तकनीक और लाखों स्वास्थ्यकर्मियों के अथक प्रयासों के कारण देश ने बाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। भविष्य में और अधिक सुधार के साथ भारत इस मुहिम को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। चुनौतियाँ होने के बावजूद, भारत का टीकाकरण अभियान एक मिसाल बनकर उभरा है। सरकार की समर्पित नीतियों और जनभागीदारी से देश न सिर्फ अपने नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ दे रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बना रहा है।