वक्रांगी केंद्र देश को डिजिटल समावेशी भविष्य की ओर कर रहा है अग्रसर
नई वित्तीय नीतियों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने और सरकारी सेवाओं के डिजिटल वितरण को संभव बनाने के लिए सार्थक कदम उठाने पर ध्यान दिया जा रहा है।
06:55 AM Jun 14, 2019 IST | Desk Team
मुंबई : 2014 के बाद से, मोदी शासन में वित्तीय समावेशन पर स्पष्ट ध्यान दिया गया है। जन धन योजना, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) जैसे कई महत्वपूर्ण पहलों के साथ ही सीधे बैंक खातों में सब्सिडी व सस्ती बीमा योजना जैसे अटल पेंशन योजना, जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना इसी बात को ध्यान में रखकर शुरू की गई।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार को नए सिरे से प्राप्त जनादेश के साथ, अब देश भर में नई वित्तीय और डिजिटल नीतियों को सम्मिलित करने के लिए एक खास ध्यान देते हुए रणनीति तैयार की है। हाल ही में जारी किए गए, बीजेपी के घोषणापत्र में प्रमुख रूप से प्रत्येक व्यक्ति तक बैंकिंग सुविधा पहुंचना शामिल है और इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति के 5 किमी के भीतर बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध हैं। नई वित्तीय नीतियों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने और सरकारी सेवाओं के डिजिटल वितरण को संभव बनाने के लिए सार्थक कदम उठाने पर ध्यान दिया जा रहा है।
वक्रांगी एक ऐसी कंपनी है जो भारत में वित्तीय और डिजिटल समावेशन के क्षेत्र में सबसे आगे है। यह कंपनी एक ऐसी अनोखी तकनीक पर काम करती है, जो देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थित रिटेल आउटलेट्स तक तेज़ बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं, एटीएम, बीमा, ई-गवर्नेंस, ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक सेवाओं को पहुंचने के लिए सबसे बड़े नेटवर्क का निर्माण करती है। यह सुविधा इस तरह की तकनीक से अछूते ग्रामीण, अर्ध शहरी और शहरी बाजारों के लिए तैयार की गई है।
असिस्टेड डिजिटल सुविधा स्टोर को “वक्रांगी केंद्र” कहा जाता है, जो विभिन्न सेवाओं और उत्पादों का लाभ उठाने के लिए “वन-स्टॉप शॉप” के रूप में कार्य करता है। वक्रांगी में वर्तमान में 3,504 नेक्स्ट जेन वक्रांगी केंद्र हैं, जो 19 राज्यों, 366 जिलों और 2,186 पोस्टल कोड्स में काम कर रहे हैं। इसके 68% से अधिक आउटलेट टियर 5 और टियर 6 शहरों में हैं।
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