12 साल की हिंदू लड़की को फुसलाया, नाम बदलकर निकाह से मचा हड़कंप, मास्टरमाइंड मौलवी गिरफ्तार
Varanasi Love Jihad Case: उत्तर प्रदेश से आए दिन धर्मांतरण के मामले सामने आते रहते हैं। एक बार फिर यूपी का एक जिला चर्चा में है। वजह है लव जिहाद। यानी जिहादी हिंदू लड़की को फंसाकर उससे शादी करके उसे गर्भवती करना भी जानते हैं। इन्हीं चर्चाओं के बीच वाराणसी के आदमपुर थाना क्षेत्र से लव जिहाद का एक ताजा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर लोग सिहर उठेंगे। इस घटना में जिहादियों ने एक 12 साल की हिंदू नाबालिग लड़की को निशाना बनाया और उसे बहला-फुसलाकर एक मुस्लिम लड़के से निकाह करा दिया। इस घटना में पुलिस ने देर से ही सही, आरोपियों को अच्छा सबक सिखाया है। तो आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
Love Jihad Case: यहां जानें पूरी घटना
पीड़िता के पिता ने बताया कि वह लगभग पिछले तीन माह से थाने का चक्कर लगा रहा था, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही थी। थक-हारकर उन्होंने पुलिस कमिश्नर को आपकी शिकायत दी, जिसके बाद कार्रवाई हुई। इस घटना ने पुरे इलाके को हिला दिया है। लोगों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है। पीड़ित पिता नंदू मौर्य ने अपनी शिकायत में बताया कि लगभग तीन माह पहले उनकी 12 साल की बेटी को निहाल नाम का लड़का जबरन अपने घर उठा ले गया था।
जब वह अपनी बेटी को वापस लेने गए तो निहाल और उसके पुरे परिवार वालों ने उनपर हमला कर दिया। उन्होंने आगे बताया कि उनकी बेटी अब उनके घर्म को अपना ली है, उसका निकाह हो गया है और उसकी हत्या कर उसे जहन्नुम भेज देंगे।
Varanasi News: घटना का वीडियो वायरल
इस घटना की शिकायत पर यूपी पुलिस हरकत में आई और आरोपियों को उनके घर से गिरफ्तार किया। इसके बाद सभी आरोपी से थाने में ही उठक-बैठक करवाई। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। मौलवी मोहम्मद हसीन ने कबूल किया है कि उसने और उसके परिवार वालों ने 12 साल की नाबालिग लड़की संग निकाह कराया और अपनी गलती कबूल करते हुए माफ़ी मांगी। सभी के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
पुलिस अधिकारी का बयान
SP प्रज्ञा पाठक ने बताया कि पुलिस कमिश्नर को शिकायत मिलते ही तुरंत मुकदमा दर्ज किया गया और लड़की की खोजबीन के लिए एक टीम लगाई गई। टीम ने लड़की को ढूंढ निकाला। पूछताछ में पता चला कि निहाल के परिवार ने उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराकर उसकी शादी करा दी थी। एसीपी ने यह भी बताया कि पीड़िता के पिता पहले थाने नहीं आए, सीधे पुलिस कमिश्नर के पास गए, जिसके बाद यह कार्रवाई संभव हो पाई।