Vastu Tips: वास्तु दोषों को दूर करके कहें समस्याओं को बाय-बाय
समस्याओं का समाधान: वास्तु के सरल उपाय
वास्तु दोषों को दूर करके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। पंचतत्त्वों के सामंजस्य से निर्मित घर न केवल समस्याओं को हल करता है, बल्कि किस्मत का ताला भी खोलता है। वास्तु के सरल नियमों के पालन से आर्थिक, स्वास्थ्य और वैवाहिक समस्याएं हल हो सकती हैं।
यदि आप के पास कोई जानकारी है तो उसका महत्व तभी है जब कि उसका लाभ लोगों तक पहुंचे। क्योंकि कोई भी ज्ञान तभी सार्थक होता है जब उसका व्यावहारिक उपयोग किया जा सके। उपयोगिता किसी भी कला के महत्व को व्यक्त करती है। वैसे भी आधुनिक युग में उपयोगिता ही मुख्य चीज है। बाकी सब बेकार ही माना जाएगा। उदाहरण के लिए देखें कि भारत में करीब पांच हजार वर्षों से वास्तु के बारे में लिखा जा रहा है। लेकिन वर्तमान में इसका व्यावहारिक उपयोग प्रचलन में आ रहा है। इससे पहले तक यह एक सीमित दायरे में था। लेकिन अब जब संचार के क्षेत्र में क्रांति हुई थी, तब इसका प्रसार असीमित लोगों के बीच में हो गया। जैसे-जैसे प्रचार-प्रसार के साधन आगे बढ़े, सामान्य लोग भी वास्तु के सरल नियमों के संपर्क में आने लगे। समय के साथ लोगों को पता चला कि उनके घर या व्यावसायिक परिसर की संरचना में कोई समस्या हो सकती है जो उनकी समस्याओं की जड़ है। और उसका समाधान किस्मत का ताला खोल सकता है। वास्तु की इस सरलता ने लोगों को आकर्षित किया और यह लोकप्रियता के शिखर को छूने लगा।
पंचतत्त्वों के सामंजस्य का नाम है वास्तु
वैदिक वास्तु पंचतत्त्वों पर आधारित विज्ञान है। पृथ्वी, जल, आकाश, अग्नि और वायु ये पांच तत्त्व हैं। भूमि पर जो भी निर्माण किया जाता है वह हमेशा इन पांच तत्त्वों पर आधारित होना चाहिए। निर्माण ऐसा हो कि वह इन पांच तत्त्वों से परस्पर सामंजस्य कर सके तो यह पूर्ण वास्तुशास्त्रानुसार निर्माण हो जाता है। यदि ऐसा नहीं है तो समझे कि घर वास्तु के मान्य नियमों के अनुसार नहीं है और देर-सवेरे आपको गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ये समस्याएं स्वास्थ्य, धन, वैचारिक विरोध और बिजनेस से जुड़ी हो सकती हैं। संतान के कैरियर और वैवाहिक जीवन से संबंधित हो सकती है। इनके उपाय के लिए अपने परिसर में निर्माण से संबंधित तत्त्व को भूमि के तत्त्व से सामंजस्य बैठाते हुए बनाना चाहिए। इससे स्वतः ही आपको पोजिटिव परिणाम मिलने लगते हैं।
वास्तु दोष बना सकते हैं आपको कर्जदार
यदि आपके घर में वास्तु दोष हैं तो ये वास्तु दोष आपकी आर्थिक स्थिति को बहुत नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। वास्तु दोष होने पर जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उन्हें मुख्य रूप से धन की कमी का अनुभव होगा। वर्तमान समाज धन प्रधान है। निरंतर भौतिक प्रगति के कारण धन का महत्व तेजी से बढ़ रहा है। धन से सभी महत्वपूर्ण कार्य पूरे किए जा सकते हैं। इसके विपरीत, कुछ लोगों को धन कमाने में कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। तमाम प्रयासों के बावजूद, वे लोग अपनी जरूरतों से कम कमा पाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप अप्रत्याशित खर्चों को पूरा करने के लिए समय-समय पर कर्ज की आवश्यकता होती है। धीरे-धीरे कर्ज का चक्र ऐसा मोड़ लेता है कि व्यक्ति को पुराने कर्ज का ब्याज चुकाने के लिए नया कर्ज लेना पड़ सकता है। यह बहुत कठिन स्थिति है। यदि समय रहते इस स्थिति पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो व्यक्ति इतना कर्जदार हो जाता है कि उसे इस कर्ज से मुक्ति का कोई रास्ता नहीं दिखता। मैंने कर्ज में डूबे कई लोगों के घरों का निरीक्षण किया है। मुझे वहां कई समानताएं मिलीं। इससे यह स्पष्ट होता है कि काफी हद तक, अगर घर का वास्तु अच्छा नहीं है, तो यह व्यक्ति को कर्जदार बना सकता है।
वे वास्तु दोष जो आपकी किस्मत को ब्लॉक करते हैं
वास्तु में कुछ चीजें महत्वपूर्ण होती है। यदि दुकान, मकान, फैक्टरी आदि ग्रांउड फलोर पर है तो सर्वप्रथम भूमि को देखना चाहिए। ज्यादातर मामलों में देखा जाता है कि जब भूमि में कोई दोष हो तो निर्मित वास्तु कितना भी सही क्यों न हो उस मकान में कोई विकास नहीं होगा। अंधेरा रहेगा और मांगलिक कार्य संपन्न नहीं होंगे। इसलिए घर में प्रवेश करने के समय की प्रश्न कुंडली बना कर उस घर की नेगेटिविटी को चैक करना बहुत जरूरी है। कंुडली के अलावा सूखा नारियल एक रात्रि पहले घर में घुमाएं और दूसरे दिन उस नारियल को देख कर भी नेगेटिविटी के बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता है। लेकिन यहां यह ध्यान में रखना चाहिए कि नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव को दूर करने का तरीका प्रचलित वास्तु से बिल्कुल अलग है। यह शुद्ध सात्विक प्रयोग हैं जिनका प्रभाव बहुत वर्षों तक बना रहता है।
ईशान कोण में वास्तु दोष हो
ईशान कोण में जब वास्तु दोष होता है तो जातक की बौद्धिक क्षमता कमजोर हो जाती है। मैंने जो अनुभव किया है उसके आधार पर मैं बना सकता हूं कि जब भी ईशान कोण में वास्तु दोष हो तो जातक आत्मघाती फैसले लेता है। उसकी ज्यादातर समस्याएं उसके स्वयं के द्वारा ही पैदा की गई होती है। ऐसा व्यक्ति बार-बार गलतियां करता है। कुछ मामलों में यह भी देखा जाता है कि जब ईशान कोण में वास्तु दोष हो तो घर में कोई मानसिक रोगी भी हो सकता है। संतान के संबंधी परेशानी हो सकती है। इसलिए ईशान कोण में वास्तु दोष हो तो तुरंत उसको हटा देना चाहिए।
अग्नि कोण में जब वास्तु दोष हो
अग्नि कोण का सीधा संबंध धन की बरकत से है। इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि अग्नि कोण में जल संबंधी कोई लक्षण नहीं होना चाहिए। यदि ऐसा होगा तो घर में बरकत नहीं होगी। बिजनेस आगे नहीं बढ़ेगा। सोचे गये कार्य समय पर पूर्ण नहीं होंगे। अग्नि कोण में टॉयलेट, अण्डरग्रांउड वाटर टैंक, स्टोररूम आदि होने से अग्नि कोण दूषित हो जाता है। अग्नि कोण में केवल अग्नि से संबंधित निर्माण होना चाहिए। यह पंच तत्त्वों के सामंजस्य की बात है। जब अग्नि संबंधित निर्माण अग्नि तत्त्व के स्थान पर होंगे तो स्वभाविक तौर पर अग्नि कोण में कोई वास्तु दोष नहीं होगा।
जब भूमि का लेवल आम रास्ते से नीचा हो
भूमि का लेवल जब आम रास्ते से नीचा हो तो यह एक बड़ा वास्तु दोष हो सकता है। इसका प्रभाव तुरंत नहीं होता है लेकिन यह जीवन में विकास को रोक देता है। समाज में मान-सम्मान की हानि करता है। जीवन में नवीनता और खुशियों को कम कर देता है। इसलिए जब किसी ईमारत की भूमि आम रास्ते से नीची हो तो उस बिल्डिंग के ग्रांउड फलोर पर नहीं रहना चाहिए। इस तरह की भूमि पर मकान होने से घर में सभी लोग कमाते हैं तो भी गरीबी बनी रहती है। कुछ मामलों में इस तरह के घर में रहने से गंभीर चोट का भय भी हो सकता है।
जब ब्रह्म स्थान पर अशुभ निर्माण हो
भूमि के मध्य भाग को ब्रह्म स्थान कहा जाता है। जब इस स्थान पर रसोई, टॉयलेट, स्टोर, सीढ़ियां या अण्डरग्रांउड वाटर टैंक जैसे निर्माण हो जात यह गंभीर वास्तु दोष हो सकता है। इस दोषों को जरूर दूर करें अन्यथा शीघ्र ही जीवन में परेशानियों का अंबार लगने वाला है। यहां इस बात का ध्यान रखें कि ब्रह्म स्थान भूमि और कवर्ड एरिया दोनों का अलग-अलग होता है और दोनों पर ही दोष नहीं होना चाहिए। कुछ मामलों में देखा जाता है कि ब्रह्म स्थान और ईशान कोण दोनों में वास्तु दोष हो तो घर स्वामी आत्महत्या कर लेता है।
वास्तु दोषों को दूर करके बनाएं जीवन को सफल
यह निश्चित बात है कि यदि किसी घर में ज्यादातर निर्माण वास्तु के अनुरूप हो तो यह सकारात्मक वास्तु आपकी बंद पड़ी किस्मत का ताला खोल सकता है। वैसे तो किसी भी समस्या के निवारण के लिए वास्तु के लिए साइट विजिट करना ही सबसे अच्छा होता है। क्योंकि प्रत्यक्ष अवलोकन से ही वास्तु दोषों के बारे में पूरी जानकारी मिल सकती है। यदि आपके घर में वास्तु दोष हैं तो आपको एक निश्चित योजनाबद्ध तरीके से हटाना चाहिए। एक साथ सभी दोषों को हटाने से बहुत धन खर्च हो सकता है। लेकिन जब हम वास्तु दोष हटा देते हैं तब भी उनका शुभ फल आने में कुछ महिनों का समय लग सकता है। इसलिए सबसे पहले उन वास्तु दोषों को दूर करें जो कि आसानी से हो सकते हों। जिनमें समय, श्रम और धन का कम से कम खर्च होता हो। इससे आपको राहत मिलना आरम्भ हो जायेगा और उसके बाद क्रमशः आप दूसरे बड़े और खर्चीले वास्तु दोषों को हटा सकने में स्वयं को सक्षम पायेंगे।