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Vasundhara Raje : 6 बार की विधायक और 2 बार मुख्यमंत्री, वसुंधरा राजे का राजनीतिक सफर

04:38 PM Dec 12, 2023 IST | Deepak Kumar

राजस्थान में विधानसभा के चुनाव परिणाम आए हुए सप्ताह भर से अधिक हो चुका है। ऐसे में राजनीति में रूचि रखने वाले और टी.वी. से लेकर अख़बार की सुर्खियों तक सभी में एक चर्चा जोरो पर रही, राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन? हालंकि दो राज्य मध्यप्रदेश और राजस्थान के सीएम के चेहरों ने सभी राजनीतिज्ञ लोगो के कयास को विफल कर दिया। राजस्थान में बीजेपी की राजनीति पर बात करे तो वसुंधरा राजे का बड़े और वरिष्ठ नेताओं में नाम सामने आता है। ये नाम इस लिहाज से भी अहम् हो जाता है क्योकि ये एक महिला नेत्री का नाम है। अधिकतर महिला नेतृत्व के नाम पर पार्षद पति या विधायक पति मिलते है। आज की इस रिपोर्ट में राजस्थान की मजबूत छवि की महिला नेत्री और राजस्थान में मुख्यमंत्री पद पर रह चुकी वसुंधरा राजे के बारे में जानेंगे।

शुरूआती शिक्षा से उच्च शिक्षा तक
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वसुंधरा राजे का जन्म मायानगरी से मशहूर बॉम्बे (वर्तमान मुंबई ) में 8 मार्च 1953 में हुआ। वसुंधरा शाही घर से संबंध रखती है। वे ग्वालियर के महाराजा विजयाराजे सिंधिया-शिंदे और जिवाजीराव सिंधिया-शिंदे की बेटी हैं, जो सिंधिया शाही मराठा परिवार के सदस्य है। वसुंधरा की प्रारंभिक शिक्षा कोडाइकनाल , तमिलनाडु में प्रेजेंटेशन कॉन्वेंट स्कूल से पूरी की। अपनी उच्च शिक्षा के लिए वसुंधरा ने सोफिया कॉलेज फॉर वूमेन, मुंबई से अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान में डिग्री के साथ स्नातक की डिग्री हासिल की। 17 नवंबर 1972 में वसुंधरा का विवाह धौलपुर परिवार के महाराज रना हेमंत सिंह के साथ हुआ। उनका वैवाहिक जीवन अधिक समय नहीं चला और एक साल बाद वो अपने पति से अलग हो गई।

परमाणु शक्ति का परीक्षण

11 और 13 मई 1998 को केंद्र की भाजपा सरकार ने वो कर दिखाया जो किसी भी सरकार केंद्रीय सरकार ने नहीं किया था। इस परीक्षण के बाद भारत परमाणु शक्ति संपन्न देश हो गया था, लेकिन इस कदम पर दुनिया के कुछ देशो ने अलग प्रकार से इस पर प्रतिक्रिया दी। वही अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भारत के लिए अनुदानों पर बैन तक लगा दिया। ऐसे समय में वसुंधरा राजे ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की बात को मजबूती से रखा। जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने सारे प्रतिबंधों को वापस ले लिया।

राजनीतिक परिवार से नाता

वसुंधरा का शुरू का से ही राजनीतिक परिवार से संबंध रखती है। वसुंधरा राजे के बेटे से लेकर भतीजे तक सत्ता के गलयारो से सक्रिय राजनीति तक अपना एक अलग मुकाम रखते है। एक ओर भतीजा ज्योतिरादित्य सींधिया मध्य प्रदेश की सियासत के बड़े चेहरे है तो वही उनके पुत्र दुष्यंत सिंह चार बार के लोकसभा सांसद चुने गए है। वसुंधरा राजे के राजनीतिक जीवन को देखे तो मिलेगा उन्होंने 1984 में भारतीय राजनीति में एंट्री की। उस समय उन्हें बेजीपी का कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया।कई राजनैतिक उठा पटक के बाद अप्रेल 1999 में केवल 13 महीने के कार्यकाल के साथ वाजपेयी सरकार ने इस्तीफा दे दिया।

युवा मोर्चा से मुख्यमंत्री

राजस्थान में 8 वी विधानसभा चुनाव में वसुंधरा धौलपुर से चुनाव लड़ी जिसमे उन्होंने जीत अर्जित की। उनके इस प्रदर्शन के बाद पार्टी ने उन पर भरोसा दिखाते हुए प्रदेश में जिम्मेदारी दी जिंसमे उन्हें युवा मोर्चा और बीजेपी का उपाध्यक्ष बना दिया गया। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिली। वो भारत की पहली सूक्ष्म , लघु और मध्यम मंत्री बनी। 1985 में वो पहली बार विधायक चुनी गई। 1985 - 87 तक राजस्थान बीजेपी युवा मोर्चा की उपाध्यक्ष के पद पर रही। वही साल 2023 में छटी बार विधायक बनी और वर्तमान में भी झालावाड़ जिले की झालरापाटन सीट से विधायक है। पांच की लोकसभा सांसद रही वसुंधरा दो बार की राजस्थान की मुख्यमंत्री रही। साल 2003 में वो राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी।

विपक्ष के नेता के रूप में

राजस्थान चुनाव 2008 में भाजपा ने 200 सदस्य वाली राजस्थान राज्य विधानसभा में 78 सीटें पर ही जीत मिली जो कि कांग्रेस पार्टी की 98 सीटों की विजय की तुलना में सिर्फ 18 कम थी। कांग्रेस पार्टी ने गठबंधन सरकार का गठन किया और वसुन्धराराजे को विपक्ष के नेता के रूप में चुना गया। लेकिन कुछ समय बाद ही भारतीय जनता पार्टी ने वसुंधरा को महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी । मार्च 2013 में राजे को विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में भाजपा पार्टी ने फिर से चुना। अंतरर्राष्ट्रीय दौरे स्विटज़रलैंड (27 से 31 जनवरी 2006) राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक आम बैठक के लिए स्विटज़रलैंड के दावोस की यात्रा की।

 

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