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भारत में वेंचर कैपिटल फंडिंग 2024 में 43% बढ़कर 13.7 अरब डॉलर पहुंची

वेंचर कैपिटल फंडिंग में 2024 में 43% की वृद्धि, कुल 13.7 अरब डॉलर

10:16 AM Mar 11, 2025 IST | Syndication

वेंचर कैपिटल फंडिंग में 2024 में 43% की वृद्धि, कुल 13.7 अरब डॉलर

भारत के वेंचर कैपिटल (वीसी) इकोसिस्टम में 2024 में मजबूत रिकवरी देखने को मिली है और कुल फंडिंग बढ़कर 13.7 अरब डॉलर पहुंच गई है, जो कि 2023 के मुकाबले 43 प्रतिशत अधिक है। यह जानकारी ग्लोबल कंसल्टेंसी फर्म बेन एंड कंपनी द्वारा मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।

रिपोर्ट में कहा गया कि बीते वर्ष डील गतिविधियों की संख्या 1,270 रिकॉर्ड की गई है और डील वॉल्यूम में 45 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है। यह निवेश में फिर से बढ़ोतरी एशिया-प्रशांत क्षेत्र में वेंचर कैपिटल और ग्रोथ फंडिंग के लिए दूसरे सबसे बड़े बाजार के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करता है।

2024 में डील्स के आकार और चरणों में डील्स की संख्या में वृद्धि हुई। हालांकि,औसत डील का आकार स्थिर रहा।

छोटी और मध्यम टिकट साइज की डील (50 मिलियन डॉलर) की हिस्सेदारी कुल डील में 95 प्रतिशत हो गई है। इसमें 1.4 गुना की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, 50 मिलियन डॉलर से अधिक की डील की संख्या दोगुनी हो गई है और महामारी के स्तरों से अधिक हो गई है, जो कि उच्च-गुणवत्ता वाली संपत्तियों में निवेश को दिखाता है।

रिपोर्ट में बताया गया कि मेगाडील (100 मिलियन डॉलर ) की डील की संख्या भी 1.6 गुना बढ़ी है।

रिपोर्ट के अनुसार, एंजेल टैक्स, लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) टैक्स की दरों में कटौती, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) प्रोसेस को हटाना और फॉरेन वेंचर कैपिटल इन्वेस्टर (एफवीसीआई) पंजीकरण को आसान बनाने से भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को फंडिंग मिलने में आसानी हुई है।

रिपोर्ट में कहा गया कि टेक आधारित सेक्टर्स जैसे कंज्यूमर टेक्नोलॉजी, सॉफ्टवेयर और एसएएएस (सॉफ्टवेयर-एस-ए-सर्विस) और फिनटेक फंडिंग हासिल करने में आगे रहे हैं। कुल फंडिंग का 60 प्रतिशत इन्हीं कंपनियों के द्वारा हासिल किया गया है।

कंज्यूमर टेक्नोलॉजी एक प्रमुख सेक्टर के रूप में उभरा है। इस सेक्टर ने 5.4 अरब डॉलर से ज्यादा की फंडिंग हासिल की है। यह 2023 के मुकाबले दोगुनी है।

इसके अलावा सॉफ्टवेयर और एसएएएस सेक्टर (जनरेटिव एआई को मिलाकर) में फंडिंग 1.2 गुना बढ़कर 1.7 अरब डॉलर हो गई है।

पारंपरिक सेक्टर्स जैसे बीएफएसआई और कंज्यूमर/रिटेल सेक्टर में निवेश में 3.5 गुना और 2.2 गुना का इजाफा हुआ है।

–आईएएनएस

एबीएस/

रिपोर्ट के अनुसार, एंजेल टैक्स, लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) टैक्स की दरों में कटौती, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) प्रोसेस को हटाना और फॉरेन वेंचर कैपिटल इन्वेस्टर (एफवीसीआई) पंजीकरण को आसान बनाने से भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को फंडिंग मिलने में आसानी हुई है।

रिपोर्ट में कहा गया कि टेक आधारित सेक्टर्स जैसे कंज्यूमर टेक्नोलॉजी, सॉफ्टवेयर और एसएएएस (सॉफ्टवेयर-एस-ए-सर्विस) और फिनटेक फंडिंग हासिल करने में आगे रहे हैं। कुल फंडिंग का 60 प्रतिशत इन्हीं कंपनियों के द्वारा हासिल किया गया है।

कंज्यूमर टेक्नोलॉजी एक प्रमुख सेक्टर के रूप में उभरा है। इस सेक्टर ने 5.4 अरब डॉलर से ज्यादा की फंडिंग हासिल की है। यह 2023 के मुकाबले दोगुनी है।

इसके अलावा सॉफ्टवेयर और एसएएएस सेक्टर (जनरेटिव एआई को मिलाकर) में फंडिंग 1.2 गुना बढ़कर 1.7 अरब डॉलर हो गई है।

पारंपरिक सेक्टर्स जैसे बीएफएसआई और कंज्यूमर/रिटेल सेक्टर में निवेश में 3.5 गुना और 2.2 गुना का इजाफा हुआ है।

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