UCC की प्रक्रिया शुरू करने के लिए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने की उत्तराखंड की सराहना
यूसीसी पर उपराष्ट्रपति ने विपक्ष की आपत्तियों पर उठाए सवाल
उत्तराखंड मंत्रिमंडल द्वारा समान नागरिक संहिता नियमावली को मंजूरी दिए जाने के बाद विपक्ष ने आलोचना की, वहीं उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संविधान में वर्णित राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों का हवाला देते हुए विपक्ष की आपत्ति पर सवाल उठाया। छत्तीसगढ़ के रायपुर में ‘बेहतर भारत के निर्माण के लिए विचार’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने यूसीसी की प्रक्रिया शुरू करने के लिए उत्तराखंड की सराहना की और कहा कि समान नागरिक संहिता के लिए कानून बनाने के लिए शासन पर एक दायित्व डाला गया है। एक राज्य, उत्तराखंड ने ऐसा किया है। लेकिन विपक्ष हमारे संविधान में लिखी किसी चीज़ पर कैसे आपत्ति कर सकते हैं, जो राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों का हिस्सा है।
UCC, the Uniform Civil Code, is enshrined in the Directive Principles of State Policy in our Constitution. It places an obligation on governance to enact a law for a uniform civil code. One state, Uttarakhand, has done it.
How can there be objections to something explicitly… pic.twitter.com/XQhBr6drsW
— Vice-President of India (@VPIndia) January 21, 2025
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने की सरहाना
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा सांसदों से “मतदान पैटर्न के संकीर्ण विचारों” से प्रभावित न होने का आग्रह किया और कहा कि हम दिन-प्रतिदिन केवल मतदान के संकीर्ण विचारों से प्रभावित नहीं हो सकते। संविधान के निर्माता बुद्धिमान और केंद्रित थे। उन्होंने हमें कुछ बुनियादी बातें बताईं, लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि जैसे-जैसे लोकतंत्र परिपक्व होता है और हम आगे बढ़ते हैं, हमें अपने लोगों के लिए कुछ लक्ष्यों को भी प्राप्त करना चाहिए- उनमें से एक समान नागरिक संहिता है।
विपक्ष ने की आलोचना
उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने सोमवार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) नियमावली को मंजूरी दे दी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आश्वासन दिया कि जल्द ही इसके कार्यान्वयन की घोषणा की जाएगी। इस पर विपक्ष ने आलोचना की, खासकर एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इसकी एकरूपता पर सवाल उठाए। ओवैसी ने कहा कि जब आप हिंदू विवाह अधिनियम, हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम को अपवाद दे रहे हैं और यह आदिवासियों पर भी लागू नहीं होगा, तो इसे यूसीसी नहीं कहा जा सकता।