'खून के प्यासी थी वो भीड़', पीड़ितों ने बताया मुर्शिदाबाद हिंसा का खौफनाक मंजर
मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध में हिंसा, हिंदुओं के घरों पर हमला
मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध के दौरान हिंसा भड़क उठी, जिसमें हिंदुओं के घर और दुकानें निशाना बनीं। इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। 500 से ज्यादा हिंदुओं ने डर के कारण पलायन कर लिया। इलाके में केंद्रीय बल तैनात किए गए हैं।
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में सड़कों पर साम्प्रदायिक हिंसा की बर्बादी दिख रही है। शुक्रवार को वक्फ कानून के विरोध कर रही भीड़ न जाने क्यों हिंदुओं पर हमलावर हो गई। उनके घरों में तोड़फोड़ की गई और दुकानों को लूटा गया। इस हिंसा में तीन लोगों में मौत हो गई और कई लोग घायल गए। दंगाइयों के डर से 500 से ज्यादा हिंदुओं ने पलायन कर लिया है। अब वहां की सुनसान सड़कों पर पत्थर और टूटी गाड़ियां, घरों में काली राख और एक अजीब सा सन्नाटा है। हालांकि इलाके में केंद्रीय बल की तैनाती हो चुकी है। केंद्रीय सशस्त्र बल धूलिया, शमशेर और सुती क्षेत्रों में गश्त कर रहे हैं।
चुन चुनकर भीड़ ने किया हमला
हालांकि यह विरोध प्रदर्शन केंद्र सरकार द्वारा लाए गए वक्फ कानून के खिलाफ था, लेकिन इसने हिंसा का रूप ले लिया, जिसकी आग में जले हिंदुओं के घर और दुकानें। धुलियान में सड़कों पर पत्थर और इमारत के भीतर बम के छर्रे और फर्नीचर की राख दिख रही है। कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि इन सब में आग लगा दी गई थी। वहीं एक हिंसा के पीड़ित ने बताया कि हमला करने वाले मुस्लिम लोग थे, जिन्होंने चुन चुन कर हिंदुओं की दुकानों में तोड़फोड़ की। सिर्फ हिंदुओं को निशाना बनाया गया। बगल में ही मुस्लिमों की दुकानें थीं, जो बिल्कुल सुरक्षित हैं। वहां किसी ने हमला नहीं किया।
खून की प्यासी थी भीड़
एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि हम लोग हैरान रह गए क्योंकि अचानक सैकड़ों लोगों की हथियारबंद भीड़ सामने आ गई। वे खून के प्यासे थे और चिल्ला रहे थे कि हमारे समुदाय के किसी भी व्यक्ति को इस इलाके में रहने नहीं दिया जाएगा क्योंकि हम इस कानून के जरिए वक्फ की जमीन को छीनने की साजिश में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब हमने उनसे गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने कई बम धमाके किए और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। पुलिस काफी देर बाद पहुंची।
‘ऐसा तांडव नहीं देखा’
एक दवा दुकान के मालिक गश्त कर रहे जवानों से आश्वासन मिलने के बाद अपनी दुकान को हुए नुकसान का आकलन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं यहां 50 साल से रह रहा हूं। लेकिन मैंने ऐसा तांडव कभी नहीं देखा। एक उन्मादी भीड़ अचानक मेरी दुकान की ओर मुड़ी और इससे पहले कि मैं और मेरे कर्मचारी कुछ कर पाते, वे परिसर में घुस गए। उन्होंने हमारे साथ मारपीट की और दुकान में लूटपाट शुरू कर दी। हमें जानकर मौके से भागना पड़ा।
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