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हरिद्वार में विधानसभा चुनाव का विधिवत प्रचार हुआ तेसी से प्रारंभ

विधानसभा चुनाव का विधिवत प्रचार प्रारंभ हो गया है ,प्रत्याशी तो सुबह से शाम तक जी तोड़ मेहनत में लगे हैं लेकिन कांग्रेस हो या भाजपा किसी भी दल का कार्यकर्ता क्षेत्र में मेहनत न कर केवल चुनाव कार्यालयों या प्रत्याशी के घर पर हाजिरी देकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।

05:31 PM Feb 01, 2022 IST | Ujjwal Jain

विधानसभा चुनाव का विधिवत प्रचार प्रारंभ हो गया है ,प्रत्याशी तो सुबह से शाम तक जी तोड़ मेहनत में लगे हैं लेकिन कांग्रेस हो या भाजपा किसी भी दल का कार्यकर्ता क्षेत्र में मेहनत न कर केवल चुनाव कार्यालयों या प्रत्याशी के घर पर हाजिरी देकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।

हरिद्वार, संजय चौहान (पंजाब केसरी)ः विधानसभा चुनाव का विधिवत प्रचार प्रारंभ हो गया है ,प्रत्याशी तो सुबह से शाम तक जी तोड़ मेहनत में लगे हैं लेकिन कांग्रेस हो या भाजपा किसी भी दल का कार्यकर्ता क्षेत्र में मेहनत न कर केवल चुनाव कार्यालयों या प्रत्याशी के घर पर हाजिरी देकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं ,जबकि पेड कार्यकर्ता के रूप में झंडे और बैनर इत्यादि लगाने का काम जोरों पर चल रहा है। उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद से अब तक कांग्रेस ने बाहरी प्रत्याशियों को ही मैदान में उतारा जबकि भाजपा में स्थानीय प्रत्याशी होने का लाभ उठाते हुए मदन कौशिक लगातार चार वार हरिद्वार सीट से चुनाव जीत चुके हैं।
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 इस बार भाजपा ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष का अतिरिक्त दायित्व लेकर उनका कद और बढ़ा दिया है, हरिद्वार सीट पर वह लगातार 4 बार जीत चुके हैं, जबकि उनका यह पांचवा चुनाव प्रदेश अध्यक्ष पद की हैसियत के कारण और महत्वपूर्ण हो गया है । अपने सक्रिय राजनीति के दो दशकों में मदन कौशिक ने अपने पूरे विधानसभा क्षेत्र की जनता को सीधे तौर पर स्वयं से जोड़ लिया है। वे दीपावली, होली तथा रक्षाबंधन पर प्रति वर्ष 3 कार्यक्रमों के माध्यम से जनता से सीधे जुड़े रहते हैं, इस कारण उनका टेंपो इस बार भी हाई लग रहा है। 
मदन कौशिक से भले ही भाजपा के कुछ नेता इसलिए नाराज हैं कि उन्हें विधानसभा में जाने का अवसर नहीं मिल रहा है, लेकिन हरिद्वार की जनता को पहली बार ऐसा जनप्रतिनिधि मिला जो सीधे तौर पर उसकी आवाज सुनता है। वैसे तो उत्तराखंड राज्य बनने के बाद यहां कांग्रेस भाजपा की बारी – बारी से सरकारें बनती रही हैं ,और यही क्रम इस बार भी जारी रहा तो उत्तराखंड में कांग्रेस की बारी है , लेकिन हरिद्वार की जनता असमंजस में है कि यदि उसने कांग्रेस प्रत्याशी को जिताया तो पूरे जनपद में कोई भी विधायक ऐसा नहीं है जो मंत्री बनने की हैसियत रखता हो, जबकि भाजपा अब तक 2 विधायकों को कैबिनेट मंत्री और अब प्रदेश अध्यक्ष का पद भी दे चुकी है ।
 कांग्रेस में सब कुछ पहाड़ तक ही सीमित है, कांग्रेस मैदान से वोट लेना तो चाहती है लेकिन मैदान को देना कुछ नहीं चाहती ,इसीलिए आज जनता का कांग्रेस की तरफ झुकाव कम हुआ है और यही क्रम रहा तो जनता कांग्रेस से अपना दामन झाड़ने का मन बना चुकी है। यह सत्य है कि कांग्रेस के पास सतपाल ब्रह्मचारी के अलावा मदन कौशिक को टक्कर देने वाला दूसरा कोई नेता नहीं है, क्योंकि उत्तराखंड में कांग्रेस के नेता मैदान और पहाड़ की राजनीति स्वयं करना चाहते हैं। 
कांग्रेस के हरीश रावत हरिद्वार से सांसद और केंद्र में मंत्री तथा राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे हैं लेकिन हरिद्वार में उन्होंने कोई ऐसा नेता पैदा नहीं होने दिया जो किसी भी सीट पर अपने दम पर विधानसभा अथवा लोकसभा का चुनाव जीत सके, यही कारण है कि हरिद्वार की जनता दिल से कांग्रेस के साथ नहीं है, क्योंकि इस बार भी हरीश रावत स्वयं लाल कुआं से तो उनकी पुत्री अनुपमा रावत हरिद्वार ग्रामीण से विधानसभा का चुनाव लड़ रही हैं। जहां तक हरिद्वार में कांग्रेस और भाजपा की सीधी टक्कर का सवाल है तो कांग्रेस प्रत्याशी की तुलना में भाजपा प्रत्याशी की जनता में साख अच्छी है, जबकि सतपाल ब्रह्मचारी को भी हरिद्वार की जनता 2003 में नगर पालिका चेयरमैन का दायित्व सौंप चुकी है। 
जनता का आरोप है कि सतपाल ब्रह्मचारी के कार्यकाल में नगर पालिका में सभी ठेकेदार हरियाणा के थे और 2017 में हरिद्वार ग्रामीण सीट से जब हरीश रावत चुनाव लड़े तो चुनाव में गाड़ियां लगाने का दायित्व सतपाल ब्रह्मचारी के पास था, उन्होंने कांग्रेस के चुनाव में सारी गाड़ियां हरियाणा से ही मंगवा कर लगवायीं, इतना ही नहीं उन्होंने नगर निगम में एक पार्षद को भी अपने क्षेत्र से चुनाव जितवाया वह भी मूल रूप से हरियाणा का ही रहने वाला है। कांग्रेस हो या कांग्रेस का प्रत्याशी, हरिद्वार की जनता का सहयोग लेने के लिए हरिद्वार की जनता का स्नेह तो लेना ही पड़ेगा। तभी कांग्रेस को हरिद्वार की जनता से कोई उम्मीद रखनी चाहिए।
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