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साईबाबा के जन्मस्थान पर उपजे विवाद पर विखे पाटिल ने दी कानूनी लड़ाई की चेतावनी

महाराष्ट्र सरकार द्वारा पथरी को तीर्थस्थल के रूप में विकसित करने के निर्णय पर शुक्रवार को कोहराम मच गया । भाजपा सांसद सुजय विखे पाटिल ने पूछा कि पथरी को साईबाबा का जन्मस्थान बताने का मुद्दा नयी सरकार के आने के बाद ही क्यों उठ खड़ा हुआ।

06:17 PM Jan 17, 2020 IST | Shera Rajput

महाराष्ट्र सरकार द्वारा पथरी को तीर्थस्थल के रूप में विकसित करने के निर्णय पर शुक्रवार को कोहराम मच गया । भाजपा सांसद सुजय विखे पाटिल ने पूछा कि पथरी को साईबाबा का जन्मस्थान बताने का मुद्दा नयी सरकार के आने के बाद ही क्यों उठ खड़ा हुआ।

औरंगाबाद :  महाराष्ट्र सरकार द्वारा पथरी को तीर्थस्थल के रूप में विकसित करने के निर्णय पर शुक्रवार को कोहराम मच गया । भाजपा सांसद सुजय विखे पाटिल ने पूछा कि पथरी को साईबाबा का जन्मस्थान बताने का मुद्दा नयी सरकार के आने के बाद ही क्यों उठ खड़ा हुआ। 
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पाटिल ने यह भी कहा कि शिरडी के लोग इस मुद्दे पर कानूनी लड़ाई भी लड़ सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि जन्मस्थल पर विवाद के कारण पथरी में श्रद्धालुओं को दी जाने वाली सुविधाओं का विरोध नहीं होना चाहिए। 
अहमदनगर जिले में स्थित शिरडी में 19वीं शताब्दी में साईबाबा ने निवास किया था जहां आज लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष दर्शन करने जाते हैं। 
विवाद की शुरुआत तब हुई जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने परभणी जिले में स्थित पथरी के विकास के लिए सौ करोड़ रुपए की राशि प्रदान करने की घोषणा की। कुछ श्रद्धालुओं का मानना है कि साईबाबा का जन्म पथरी में हुआ था। 
राकांपा नेता दुर्रानी अब्दुल्लाह खान ने गुरुवार को दावा किया कि इसके पर्याप्त सबूत हैं कि साईबाबा का जन्म पथरी में हुआ था। 
उन्होंने कहा, “शिरडी साईबाबा की कर्मभूमि है जबकि पथरी उनकी जन्मभूमि है और दोनों स्थान का अपना महत्व है।” 
उन्होंने कहा कि देश और दुनिया के पर्यटक पथरी जाते हैं लेकिन वहां ढांचागत सुविधाओं का अभाव है। 
खान ने कहा, “शिरडी के लोगों को धन की समस्या नहीं है। वह पथरी को साईबाबा का जन्म स्थल मानने को तैयार नहीं हैं।” 
खान ने आरोप लगाया कि शिरडी के निवासियों को डर है कि यदि पथरी प्रसिद्ध हो गया तो श्रद्धालुओं की भीड़ वहां चली जाएगी। 
शुक्रवार को अहमदनगर से भाजपा सांसद सुजय विखे पाटिल ने कहा था कि उन्हें आश्चर्य है कि राज्य में शिवसेना नीत सरकार बनने के तुरंत बाद साईबाबा के जन्मस्थल पर विवाद क्यों पैदा हो गया। 
पाटिल ने कहा, “साईबाबा के जन्म स्थल पर कोई विवाद नहीं था। सरकार बदलने के बाद यह मुद्दा क्यों बन गया और नए साक्ष्य क्यों सामने आने लगे? कोई राजनीतिक नेता साईबाबा का जन्म स्थल निर्धारित नहीं कर सकता।” 
उन्होंने कहा, “अगर यह राजनीतिक हस्तक्षेप चलता रहा तो शिरडी के लोग कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।” पाटिल के मुताबिक पथरी के निवासियों ने कभी इस मामले को नहीं उठाया और साईबाबा ने कभी अपने जन्म स्थल के बारे में नहीं कहा। 
उन्होंने कहा, “हमें लगता है कि कर्मभूमि जन्मभूमि से अधिक महत्वपूर्ण है।” 
कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने पथरी को विकसित करने के सरकार के निर्णय का बचाव किया। 
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकरे ने पथरी में साई जन्मस्थान मंदिर को विकसित करने और वहां जाने वाले श्रद्धालुओं को सुविधाएं प्रदान करने का सकारात्मक कदम उठाया है। 
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