Viral News: नहाने से परहेज़ करती हैं इस जनजाति की महिलाएं, मेहमानों के साथ पति की रजामंद के साथ बिताती हैं रात
Viral News: पूरी दुनिया में कई तरह के जाति और जनजाती और कई तरह के रीति-रिवाजों को मानने वाले लोग रहते हैं। लोगों को अपनी परंपराओं और रीति-रिवाजों पर पूरा भरोसा होता है। इस दुनिया में कई तरह की जनजाती हैं जो अपनी-अपनी अनोखी प्रथा के लिए जानी जाती हैं। इन जनजाती के लोग आंख बंद करके अपने धर्म, रीति-रिवाजों और अपनी-अपनी परंपराओं का पालन करते हैं। उनका ऐसा करना अभी से नहीं बल्कि सदियों से चला आ रहा है। इनमें से कुछ जनजातियों के रीति-रिवाज तो ऐसे भी होते हैं जिनके बारे में जानकर कभी-कभी वाकई काफी हैरानी होती है। इनमें से कुछ जनजातियां नरभक्षी हैं, तो किसी ट्राइब में दूसरों की बीवियों को लुभाकर शादी करने की परंपरा है। आज हम एक ऐसी ही जनजाती के बारे में बात करेंगे जो अपने आप में काफी अलग है। इस जनजाती में महिलाएं कुछ अलग तरह से रहती हैं। दरअसल इस जनजाती की महिलाएं नहाने से परहेज करती हैं और कुछ तो जिंदगी में एक बार भी पानी को अपने शरीर पर नहीं गिरने देती हैं। यह सब सुनकर कुछ लोगों को वाकई हैरानी होगी लेकिन यह बात दरअसल सच है। दुनिया में हर तरह का जाति और जनजाती पाई जाती हैं जिसमें लोगों का रहन-सहन आम लोगों से काफी अलग होता है। यह जनजाती भी उनमें से एक जो अपने जीवन को अलग ढंग से जीना पसंद करती हैं। इतना ही नहीं इस जनजाती की महिलाएं अपने घर में आए महमानों के साथ अपनी पति की रजामंदी के साथ रात बिताती हैं। यह सब किसी भी आम या शहर में रहने वाले इंसान के लिए काफी मुश्किल और हैरान कर देने वाली बात है। लेकिन इस जनजाती के लोग इस रिवाज को बड़े ही प्यार और सम्मान के साथ पूरा करते हैं और इस जनजाती के पुरुष भी अपनी पत्नियों के घर आए महमानों के साथ रात में रुकने की इजाजत दे देते हैं। आइए जानते हैं इस जनजाती के बारे में थोड़ा विस्तार से।
कभी नहीं नहाती Himba tribe की महिलाएं
जानकारी के अनुसार हम जिस जनजाती का बात कर रहे हैं वह नामिबिया में रहने वाली हिम्बा जनजाति (Himba tribe) है। जो उत्तरी नामीबिया के कुनैन प्रांत में निवास करती है। यह नामिबिया में रहने वाली हिम्बा जनजाति आम दुनिया के लिए एक रहस्य है। हिम्बा जनजाति की रहस्यमय दुनिया किसी को भी चौंका देगी। जानकारी के अनुसार Himba जनजाति की महिलाओं का रहन-सहन बाकी जनजातियों से काफी अलग होता है। बता दें कि हिम्बा जनजाति की महिलाएं कुछ पुरानी परंपराओं का पालन करती हैं और यहां की सभी महिलाएं जिंदगी भर कभी नहाती नहीं हैं। लेकिन इसके बावजूद भी हिम्बा जनजाति की महिलाएं अपने शरीर को काफी संभालकर और साफ सुथरा रखती हैं। कभी न नहाने के बावजूद भी Himba जनजाति की महिलाएं काफी सुंदर मानी जाती हैं। हिम्बा जनजाति की महिलाएं अपने पूरे जीवन में कभी भी पानी का इस्तेमाल नहीं करती हैं। लेकिन इसके बावजूद वह सुदंर दिखती हैं और इसके लिए वह कुछ चीजों का इस्तेमाल करती हैं। हिम्बा जनजाति की महिलाएं एक खास तरह के पौधेका अपनी सुदंरता को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करती हैं। इस पौधे का नाम ओमुजुम्बजुम्ब है। यहां की महिलाएं ओमुजुम्बजुम्ब के पौधे की पत्तियां और टहनियां जलते कोयलों पर रखती हैं और इसमें से जो खूशबूदार धुंआ निकलता है, उसी खूशबूदार धुंए की मदद से वह अपने शरीर और अपने कपड़ों को साफ करती हैं। इस धुंए से उनके शरीर और कपड़ों पर मौजूद सभी कीटाणु मर जाते हैं। इस प्रक्रिया से उनका शरीर केवल साफ ही नहीं बल्कि खूशबूदार भी बनता है। उनके शरीर से अच्छी खुशबू भी आती है और यहां कि महिलाएं इस प्रक्रिया को अपना ‘परफ्यूम’ और ‘साबुन’ मानती हैं जो खुद कुदरत ने उन्हें सौंपा है। इस अनूठे तरीके से वह अपने आप को सुंदर और साफ रखती हैं और साथ-साथ अपनी त्वचा को सूखने से बचाती हैं।
Himba tribe की महिलाएं मेहमानों के साथ गुजारती हैं रात
इसके अलावा हिम्बा औरतों की पहचान वहां को लोग उनके बालों और उनकी सुंदर त्वचा से करते हैं। यहां की महिलाएं अपनी खूबसूरती को बढ़ाने के लिए एक खास लेप का इस्तेमाल करती हैं। इस लेप को ‘ओत्जिजे’ कहते हैं और यह लेप लाल गेरू पत्थर को पीसकर, उसमें जानवरों की चर्बी और कभी-कभी खुशबूदार गोंद मिलाकर बनाया जाता है। इस खास लेप को महिलाएं अपने पूरे शरीर पर और बालों पर लगाती हैं, जिससे वह अपनी सुदंरता को कायम रखती हैं। यह लेप उनकी त्वचा के लिए काफी फायदेमंद होता है और कीड़े-मकौड़ों के काटने से त्वचा की रक्षा करता है। इसके साथ ही यहां कि महिलाएं एक अलग परंपरा का भी पालन करती हैं और वह है अपने मेहमानों के साथ रात बिताना। दरअसल हिम्बा जनजाति में मेहमानों का स्वागत करना सम्मान की बात माना जाता है। लेकिन उनकी मेहमानवाजी आम लोगों के मुकाबले काफी अलग होती है। हिम्बा जनजाति में मेहमानों का स्वागत करने के लिए घर का मुखिया अपनी पत्नी को घर आए मेहमान के साथ रात बिताने के लिए कहता है। हिम्बा संस्कृति में इस प्रथा को ‘ओकुज़ेपा ओमोकामे’ कहा जाता है। इस शब्द का अर्थ है “मेहमान को बिस्तर देना”। यह सब करना हिम्बा जनजाती में काफी जरूरी माना जाता है। यह तरीका उनकी मेहमान नवाजी का सबसे बड़ा रूप माना जाता है, जो मेहमान पर भरोसा और दोस्ती का उदाहरण देता है। लेकिन इस तरह की प्रथा में कितनी सच्चाई है इसके बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है। लेकिन यह प्रथा उनकी संस्कृति को और उनके अनोखे रीति-रिवाज को दिखाती हैं।
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