बिल्ली की पहली डेथ एनिवर्सिरी पर मालिक ने अखबार के जरिए दी श्रद्धांजलि, तस्वीर वायरल
Cat Death Anniversary Photo In Newspaper : पालतू जानवर पालना कई लोगों को पसंद होता है। इससे उन्हें घर में अकेलापन भी महसूस नहीं होता है। लेकिन कारण जो भी हो कुछ समय बाद ही डॉग या कैट या कोई भी पैट एनिमल घर का सदस्य बन जाता है। ऐसे में जब किसी एनिमल की मृत्यु होती है, तो उसे खोने का दुख भी घरवालों को काफी ज्यादा होता है। ऐसे ही एक ऑनर द्वारा अपनी बिल्ली को दी गई श्रध्दांजलि पोस्ट सोशल (Cat Death Anniversary Photo In Newspaper ) मीडिया पर वायरल हो रही है।
अखबार में बिल्ली को दी श्रद्धांजलि
कोई जब 24 घंटे साथ रहता है, तो उसका लगाव अपने आप हो जाता है। और जब वह पर्सन या जानवर हमारा साथ छोड़कर कहीं और चला जाता है तो उस गम से बाहर निकलपाने में थोड़ा समय लग जाता है। ऐसी ही एक पोस्ट अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जिसमें (Cat Death Anniversary Photo In Newspaper) एक बिल्ली 18 साल की उम्र में साथ छोड़कर चली जाती है। जिसके बाद (Cat Death Anniversary Photo In Newspaper ) उसके मालिक ने उसे अखबार के माध्याम से श्रद्धांजलि दी थी। ये तस्वीर 2019 की है, जो एक बार फिर वायरल हो रही है।
पालतू बिल्ली का नाम है चंचू
इस पालतू बिल्ली का नाम चंचू था। इसके लिए न्यूजपेपर में शेयर की गई श्रद्धांजलि में लिखा था, “पहली पुण्यतिथि, चंचू नायर। मोलुट्टी, हम आपको बहुत याद करते हैं”। श्रद्धांजलि न केवल अपनी भावनात्मक श्रद्धांजलि के लिए वायरल हुई, बल्कि इसलिए भी कि लोगों ने सवाल किया कि एक (Cat Death Anniversary Photo In Newspaper) बिल्ली को केरल के एक जाति से जुड़ा उपनाम आखिर कैसे मिला।
ये पोस्ट @CoconutShawarma नामक अकाउंट ने शेयर की है।
लोगों के सवालों का जवाब देते हुए ने कहा कि वे चंचू को अपनी छोटी बेटी मानते थे, इसलिए उपनाम रखा था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पालतू बिल्ली के मालिक पहली बार अपने घर के बाहर एक बगीचे में चंचू से मिली थे।
सिर्फ मालिक के पास रहती थी चंचू
Cat Death Anniversary Photo In Newspaper: रिपोर्ट के अनुसार, मालिक ने याद करते हुए बताया कि एक बार, मैंने इस बिल्ली को देखा, जो शाम को काम से लौटने के बाद मेरे आने का इंतजार करती थी। मैं कभी-कभी उसे दूध या खाना देता था और इस तरह (Cat Death Anniversary Photo In Newspaper ) हमारा बॉन्ड धीरे-धीरे बढ़ता गया। जब मैं केरल में बड़ा हुआ था, तो मेरे पास एक बिल्ली थी जिसे मैं सुंदरी कहता था और मैंने इस बिल्ली का भी नाम वही रखा। समय के साथ इसे छोटा करके चंचू कर दिया गया और वह हमारे जीवन का हिस्सा बन गई।
आग मालिक बताते हैं कि चंचू को मेरी बेटियों का भी मेरे बहुत करीब बैठना पसंद नहीं था और वह हमेशा मेरी गोद में रहना चाहती थी। हम बाहर भी नहीं जा सकते थे, क्योंकि वह परेशान हो जाती थी। चंचू के मालिक ने आगे कहा, “हमारे पड़ोसी भी अपने अंतिम दिनों में उससे मिलने (Cat Death Anniversary Photo In Newspaper ) आते थे। कुछ ही दिनों में वह अपनी बीमारियों के कारण मर गई। हमें उसे जाने देना पड़ा। चार लोगों के परिवार ने एक पशु चिकित्सा अस्पताल के अंदर एक विद्युत श्मशान में बिल्ली का अंतिम संस्कार किया।
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