जानिए अखबार में चार रंगीन बिंदुओं का क्या मतलब होता है
हमारी जिंदगी में कई सारी ऐसी छोटी-छोटी चीजें होती हैं जिनपर हम जानने की कोशिश ही नहीं करते हैं। जबकि ऐसी चीजें रोजना हमारी आंखों के सामने आती हैं।
11:50 AM Jul 29, 2019 IST | Desk Team
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हमारी जिंदगी में कई सारी ऐसी छोटी-छोटी चीजें होती हैं जिनपर हम जानने की कोशिश ही नहीं करते हैं। जबकि ऐसी चीजें रोजना हमारी आंखों के सामने आती हैं लेकिन बावजूद इसके हम ये जानने की जरा भी कोशिश नहीं करते हैं कि इसका क्या मतलब होता है।
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दुनिया में क्या चल रहा है जब जानने के लिए हम एक नजर अखबार की ओर देखते हैं तो हम अक्सर इसके आखिरी में दिखाई देने वाले 4 अलग-अलग रंगों के डॉट या बिदीं को अनेदखा सा कर देते हैं। लेकिन क्या आप जानना नहीं चाहते हैं कि आखिरकार इन डॉटस का क्या मतलब होता है। तो आइए आज हम आपको बताएंगे कि अखबारों में इन 4 रंगीन बिंदु क्यों दिए जाते हैं।

क्यों दिये जातें हैं अखबार में 4 रंगीन बिंदु
वैसे यह आपके लिए बहुत ज्यादा जरूरी नहीं है कि अखबारों में ये 4 रंगीन बिंदु क्यों दिए जाते हैं। लेकिन थोड़ी बहुत अतिरिक्त जानकारी हासिल करने में तो शायद कोई नुकसान नहीं है और इस वजह से भी क्योंकि यह अखबारों पर छपे होते हैं जिसे हम रोजाना पढ़ते भी हैं इसलिए इसके बारे में जानकारी हासिल करना बहुत जरूरी भी है।

जैसे की हम पढ़ते आए हैं कि मुख्य तौर पर तीन रंग होते हैं लाल,पीला और नीला। ठीक इसी प्रकार से यही पैटर्न प्रिंटर में भी लगता है लेकिन इसमें एक और रंग जुड़ जाता है काला। ये चार बिंदिया CMYK क्रम में बनी होती है।

C = Cyan (प्रिंटिंग में इसका मतलब है नीला)
M = Magenta (गुलाबी)
Y = Yellow (पीला)
K = Black (काला)

मूल रूप से किसी भी रंग को सही अनुपात में इनका इस्तेमाल करके तैयार किया जाता है। इन सारे रंगों के प्लेट्स एक पृष्ठ पर अलग से रखें जाते हैं और प्रिंटिंग करते वक्त एक ही जगह पर यह रहते हैं। यदि ये डॉट्स इसी क्रम में बने रहते हैं तो चित्र स्पष्ट आते हैं अगर ऐसा नहीं होता तो चित्र किसी तरह धुंधला हो जाता है जिससे कलर की ओवरलैपिंग हो जाती है।

अगर अलग रंगों की प्लेटें एक दूसरे के साथ संरेखित नहीं होती है तो चित्र ठीक तरह से नहीं रखा गया होता है। मार्कर का प्रयोग रंगों के घनत्व और डॉट की पहचान करने के लिए भी किया जाता है। रोजाना छपने वाले अखबार की सही संख्या को नहीं जाना सकता है।

इसी वजह से इसका प्रयोग करना इसे बेहद आसान बनाता है। कई सारे लोगों को ऐसा लगता है कि अखबार की प्रिटिंग के वक्त ये लग जाता है। अखबार पर सही कलर पैटर्न बनाने के लिए डॉट्स यानि बिंदी मार्कस का काम करते हैं मतलब की एक निशान बनाते हैं।

यही पैटर्न प्रिंटर में भी लगाया जाता है। हालांकि प्रिंटर में एक और कलर ब्लैक जुड़ जाता है। तो ये 4 बिंदिया सी एम वाय के क्रम में बनी रहती हैं। यदि ये प्रिटिंग के बाद ये बिंदु इसी क्रम में सही से बने रहते हैं तो इसका मतलब ये होता है कि प्रिटिंग बिल्कुल सही हुई है वर्ना कुछ गड़बड़ है। यदि ऐसा नहीं हो तो एक कलर दूसरे कलर के ऊपर चढ़ जाएगा या फिर वो पूरा का पूरा बिखर जाएगा और सभी फोटोज खराब हो जाएगी।
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