सरकारी नौकरी छोड़ बन गया किसान, आज हजार एकड़ जमीन और हेलिकॉप्टर का है मालिक
Rajaram Tripathi farmer: 'अगर हौसले बुलंद हो तो चट्टान का सीना चीरकर भी मंजिल तक पहुंचा जा सकता है', इस प्रसिद्ध कहावत के बारे में आपने कई बार सुना होगा। यहां तक कि कई बार आपने कुछ मुश्किल काम करते हुए भी इसे फॉलो किया होगा। क्योंकि ये कहावत हमें हिम्मत देने का (Rajaram Tripathi farmer) काम करती है और हम कुछ ऐसी चीजें भी कर जाते हैं, जिससे हम काफी डरते हैं।
आज हम आपको ऐसे ही एक व्यक्ति के बारे में बताने वाले हैं। जिन्होंने हिम्मत दिखाई और अपनी सरकारी नौकरी को छोड़कर किसान बन गए। वह सिर्फ (Rajaram Tripathi farmer) किसान ही नहीं बने बल्कि देश के सबसे अमीर किसान बन गए हैं, जिनके पास अपना हेलिकॉप्टर हैं।
बचपन से ही खेती का शौक
देश के सबसे अमीर किसान राजाराम त्रिपाठी ने 7 साल की उम्र में अपने दादा के साथ खेती शुरू की थी। जब उनके दादा जी ने कृषि यात्रा शुरू करने के (Rajaram Tripathi farmer) लिए 5 एकड़ जमीन खरीदी थी। राजाराम के पिता एक शिक्षक थे, जिन्होंने इसी क्षेत्र में पूरा ध्यान दिया। वहीं, राजाराम ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अपना करियर बनाया। सबसे पहले वह एक कॉलेज में प्रोफेसर बने और बाद में एसबीआई के माध्यम से एक ग्रामीण बैंक में प्रबंधक के रूप में। उन्होंने करीब 7-8 साल तक सरकारी क्षेत्र में काम किया।
इसलिए नौकरी छोड़ खेती में आएं राजाराम
बता दें कि बैंक में अपने कार्यकाल के दौरान, राजाराम ने देखा कि ऋण लेने वाले कई किसानों की वित्तीय कठिनाइयों के कारण उनकी जमीनें (Rajaram Tripathi farmer) नीलाम हो रही थीं। वह खुद एक किसान थे, इस नाते किसानों की परेशानियों का प्रभाव उन पर गहरा पड़ा। एक समय बाद उन्होंने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया, हालांकि उनका इस्तीफा एक्सेप्ट होने में दो साल लग गए। इसके बाद वह फिर खेती में लौट आए।
अनोखी फसलों से मिली कामयाबी
Rajaram Tripathi farmer: राजाराम ने शुरुआत में टमाटर और पत्तागोभी जैसी सब्जियों की खेती की, लेकिन उन्हें कोई खास मुनाफा नहीं हुआ। लेकिन इससे उन्हें अलग तरह से सोचने और अनोखी फसलें अपनाने के लिए प्रेरणा मिली। उन्होंने काली मिर्च और सफेद मूसली उगाना शुरू (Rajaram Tripathi farmer) किया, बाद में अश्वगंधा, कालमेघ, स्टीविया, ऑस्ट्रेलियाई सागौन, पिप्पली और इंसुलिन पेड़ सहित 22 विभिन्न जड़ी-बूटियों को उगाया शुरु किया। उन्होंने अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए 22 लाख का ऋण लिया।
राजाराम की इसी मेहनत और लगन से आज वह लगभग 400 आदिवासी किसानों के साथ मिलकर सफेद मूसली और काली मिर्च की खेती करते हैं, जिन्हें यूरोप (Rajaram Tripathi farmer) और अमेरिका में निर्यात किया जाता है। उनके प्रयासों ने उन्हें तीन बार भारत सरकार से प्रतिष्ठित सर्वश्रेष्ठ किसान पुरस्कार दिलाया है। राजाराम के पास अब नौ फार्महाउस के साथ 1,000 एकड़ जमीन है और उन्होंने खेती के कार्यों के लिए 7 करोड़ रुपये का एक हेलीकॉप्टर भी खरीदा है, जिससे उन्हें 'हेलीकॉप्टर वाले किसान' उपनाम मिला है। उनकी कंपनी, जो हर्बल हल्दी पाउडर और आंवला जैसे हर्बल उत्पादों की प्रोसेसिंग और बिक्री करती है, का वार्षिक कारोबार 25 करोड़ से अधिक है और 10 से अधिक देशों में निर्यात करती है।
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