Viral Video: यहां पर भूत कर रहें हैं मजदूरी और निकाल रहे हैं पैसे, सच्चाई जानकर अफसर भी हुए हैरान
भूतों की मजदूरी का वीडियो वायरल, जानिए सच्चाई
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है, जहां मृत व्यक्तियों के नाम पर फर्जी जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा से पैसे निकाले गए। इस गबन के पीछे ग्राम प्रधान सुनीता यादव का हाथ होने का आरोप है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और ग्राम प्रधान से वसूली की प्रक्रिया चल रही है।
देश में आज कल कई अजीबो-गरीब मामले सामने आते रहते हैं। कुछ न कुछ हैरान कर देने वाली घटनाएं आए दिन सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती हैं। लेकिन इनमें से कुछ मामला ऐसे होते हैं जिन पर विश्वास कर पाना कभी-कभी वाकई काफी मुश्किल होता है। आपने लोगों को अक्सर मजदूरी करते हुए देखा होगा। लोग अपना जीवन-यापन करने के लिए मेहनत-मजदूरी करके पैसे कमाते हैं और अपने घर-परिवार का भरण-पोषण करते हैं। लेकिन क्या आफने कभी भूतों को मजदूरी करते हुए देखा है। जी हां, ऐसा दरअसल सच में हुआ हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश के संभल जिले के मनरेगा से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां पर मृत व्यक्ति मजदूरी कर रहे हैं और अपने पैसे भी निकाल रहे हैं। ये मामला वाकई चौंका देने वाला है। लेकिन इसके पीछे काफी बड़ा राज छिपा है। जिसके ऊपर से उत्तर प्रदेश पुलिस ने पर्दा हटाया है।
भूत मजदूरी करके निकाल रहे अपने पैसे
जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश के संभल जिले में मनरेगा का बताया जा रहा है। यहां पर एक दर्जन से ज्यादा लोग जो मर चुके हैं, वह मजदूरी कर रहे हैं। दरअसल इसके पीछे का सच है कि- दर्जनों मरे हुए लोगों के नाम पर फर्जी जॉब कार्ड बनाकर एक लाख से ज्यादा रुपये का गबन किया गया है। बता दें कि मरे हुए लोगों के नाम का फायदा उठाकर और उनके नाम पर फर्जी जॉब कार्ड बनाकर यानी की मृत लोगों को मजदूर बनाकर उनके खाते से पैसे निकाले जा रहे थे। इस मामले की सच्चाई सामने आने के बाद इस घटना की जांच पुलिस ने शुरू कर दी है और ग्राम प्रधान से वसूली शुरू कर दी गई है। इस घटना को लेकर लोगों ने आरोप लगाया है कि-ग्राम प्रधान ने उनकी जानकारी के बिना ही उनके जॉब कार्ड बनाए दिए थे।
ग्राम प्रधान ने चालाकी से अफसरों को ठगा
जानकारी के अनुसार संभल जिले के पंवासा ब्लॉक के अतरासी गांव की ग्राम प्रधान की पहचान सुनीता यादव के नाम से हुई है। सुनीता यादव पर लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि-उसने गांव वालों के नाम पर जॉब कार्ड बनवाएं हैं और उनके खाते फर्जी तरीके से पैसे निकलवाएं हैं। इतना ही नहीं सुनीता यादव ने कागजों पर गलत तरीके से काम पूरा दिखाया और उनका दुरूपयोग किया। इस मामले को लेकर संभल के डीएम राजेंद्र पेंसिया का कहना है कि-आज से करीब 7 महीने पहले इस मामले के सामने आने के बाद हमने तुरंत जांच करने के आदेश दिए थे। किसी भी मामले में गबन 10 प्रतिशत से कम होने पर संबंधित अधिकारी से वसूली की जाती है। जब पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला की ग्राम प्रधान ने चालाकी से 1.05 लाख रुपये का गबन किया है। इस मामले के सामने आने के बाद अब गांव में अन्य विकास कार्यों की जांच तेजी से शुरु हो गई है। जांच के आधार पर ही अब जिला प्रशासन आगे की छानबीन करेगा।
मृतकों के परिजनों ने दी जानकारी
इस मामले को लेकर सबसे ज्यादा चौंका देने वाली बात तो यह सामने आई है कि इन मजदूरी करने वाले लोगों में एक इंटर कॉलेज के प्राचार्य का भी नाम शामिल है। इंटर कॉलेज के प्राचार्य को इस बात की जरा भी जानकारी नहीं थी। मुलायम सिंह यादव इंटर कॉलेज के प्राचार्य ऋषिपाल सिंह का इस मामले के लेकर कहना है कि-मेरे नाम से जॉब कार्ड बना दिया गया। मनरेगा के तहत मैंने कभी भी काम नहीं किया। वहीं संजीव कुमार नाम के शख्स ने बताया कि-उनके दादा जी का निधन साल 2020 में हुआ था। उनके परिवार को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि उनके दादा जी के नाम पर मजदूरी निकली जा रही है। जैसे ही इस बात का उन्हें और उनके परिवार वालों को इस बात का तब पता चला जब कुछ अधिकारियों के मुंह से उन्होंने अपने दादा जी का नाम सुना।
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