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Vishal Dadlani ने संसद में ‘वंदे मातरम्’ पर 10 घंटे की बहस पर कसा तंज कहा, “देश की असली समस्याएँ हो गईं हल?”

04:39 PM Dec 10, 2025 IST | Sneha Rai
Vishal Dadlani on vande Mataram - Source : social Media

Vishal Dadlani on vande Mataram : हाल ही में Vande Mataram की 150वीं वर्षगाँठ के अवसर पर संसद में हुई 10 घंटे तक चली बहस ने देश में नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस बहस पर Vishal Dadlani ने सोशल मीडिया पर करारा तंज कसा उन्होंने कहा कि इतने लंबे समय तक “गीत-वार्ता” करने से हमारी असली समस्याएं जैसे बेरोज़गारी, प्रदूषण, Indigo–इश्यूज़ आदि खुद-ब-खुद हल हो गई होंगी

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Vishal Dadlani Viral video : क्या कहा विशाल ददलानी ने

Vishal Dadlani On Vande Mataram- Source : Social Media

भारत में राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम' की 150वीं एनिवर्सरी पर लोकसभा में 10 घंटे की बहस हुई, जिस पर राजनेता से लेकर पब्लिक पर्सनालिटीज ने रिएक्ट किया। इसमें सिंगर और म्यूजिक कम्पोजप विशाल ददलानी भी शामिल रहे। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो बनाया और देश को शुभकामनाएं दीं। साथ ही सरकार पर कटाक्ष किया। ददलानी ने व्यंग्यात्मक अंदाज़ में कहा 10 घंटे “वंदे मातरम्” पर बहस, और साथ ही वो कह रहे हैं कि बेरोज़गारी, हवाई प्रदूषण, Indigo जैसी समस्याएं “ठीक हो गईं” क्योंकि अब संसद में बदलाव हो गया

उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, और उस पर लोग दो हिस्सों में बंट गए कुछ ने उनकी आलोचना की, तो कुछ ने उनकी बात में दम माना।

बॉलीवुड फेमस सिंगर विशाल ददलानी अक्सर अपने बेबाक बयानों के लिए छाए रहते हैं। वह हर मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखते हैं। हाल ही में संसद में 'वंदे मातरम्' पर 10 घंटे तक चली चर्चा पर विशाल ददलानी ने तंज कसा है। सोशल मीडिया पर विशाल ददलानी का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में विशाल कहते हैं, हेलो भाइयों और बहनों, बहुत खुशखबरी की बात है, कल हमारी पार्लियामेंट ने 10 घंटे 'वंदे मातरम्' पर बहस चली। वंदे मातरम् जो देश गीत है, इसे बंकिम चन्‍द्र चटर्जी द्वारा लिखा गया है। लोग इसे बहुत चाहते हैं। लेकिन इस बहस की वजह से भारत में बेरोजगारी खत्म हो गई? भारत में महंगाई कम हो गई? भारत में वायु प्रदूषण ठीक हो गया? इंडिगो की दिक्कत भी ठीक हो गई?

Vande Mataram Debate : सोशल मीडिया और लोगों की प्रतिक्रियाएँ

Vishal Dadlani On Vande Mataram- Source : Social Media

कुछ यूज़र्स ने Vishal Dadlani की सोच की सराहना की। उन्हें कहा गया कि संसद को असली मुद्दों जैसे महंगाई, बेरोज़गारी, प्रदूषण, आर्थिक अस्थिरता पर ध्यान देना चाहिए न कि “जय-जयकार” या प्रतीकात्मक बहसों पर एक यूज़र ने लिखा “100 घंटे बहस करेंगे तो इंडिया चीन से आगे निकल जाएगा।” तो कुछ ने ददलानी पर हमला बोला कहा कि वो “देशद्रोही” बन गए हैं, क्योंकि वंदे मातरम् एक राष्ट्रीय गीत है, और उसकी बहस करना इसका अपमान है।

राजनीति बहस क्यों और किसलिए?

Vishal Dadlani On Vande Mataram- Source : Social Media

दरअसल, इस 10 घंटे की बहस को संसद के शीत सत्र में इसलिए रखा गया क्योंकि 2025 में वंदे मातरम् का 150 साल पूरा हुआ है। सरकार का कहना है कि यह गीत जहां भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की याद दिलाता है, वहीं यह देश की एकता और पहचान का प्रतीक भी है। लेकिन विरोधी और कुछ बुद्धिजीवी इसे “ध्यान भटकाने वाली बहस” बता रहे हैं उनका कहना है कि असली चुनौतियाँ जैसे बेरोज़गारी, महंगाई, पर्यावरण, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि को दरकिनार कर वंदे मातरम् पर बहस करना सार्थक नहीं है।

क्या वंदे मातरम् बहस सही थी?

Vishal Dadlani On Vande Mataram- Source : Social Media

Vishal Dadlani का तीखा तंज इस बहस और समूचे मुद्दे पर सवाल खड़ा करता है: क्या संसद का समय और जन कर का पैसा प्रतीकात्मक बहसों पर खर्च होना चाहिए, या उन मुश्किलों पर जो आम आदमी को रोज़मर्रा में दिखती हैं? यह बहस दिखाती है कि देश में “राष्ट्रवाद और प्रतीकात्मक मूल्य” बनाम “वास्तविक समस्याएँ और विकास” इन दो दृष्टिकोणों में कितना बड़ा अंतर है। ददलानी चाहे जितनी आलोचना झेल लें, उन्होंने एक प्रश्न उठाया है क्या वंदे मातरम् पर 10 घंटे की बहस के बजाय, 10 घंटे “नौकरियों, महंगाई, स्वास्थ्य, पर्यावरण” जैसे मुद्दों पर होते, तो बेहतर नहीं होता? यह सवाल देश और उसकी दिशा दोनों के लिए मायने रखता है।

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