Vivah Panchami के पर्व पर Ayodhya में फिर रचेगा इतिहास! PM Modi राम मंदिर के शिखर पर लहराएंगे केसरिया ध्वज
01:10 PM Nov 24, 2025 IST | Khushi Srivastava
Vivah Panchami 2025: अयोध्या 25 नवंबर को एक बार फिर इतिहास रचने जा रही है। इस दिन विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाएगा और राम मंदिर के शिखर पर केसरिया ध्वज फहराया जाएगा। इसे सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि त्रेता युग की याद दिलाने वाला अद्भुत दृश्य माना जा रहा है। श्रीरामचरितमानस के अनुसार, “बंधन व पताका केतु और शिव बनाए मंगल हेतु” यानी ध्वज स्वयं शुभता का प्रतीक है।
शास्त्रों में धर्म ध्वज को वह केंद्र माना गया है, जहां संपूर्ण देव-ऊर्जाएं प्रवाहित होती हैं। इसलिए मंदिर के शिखर पर लगा ध्वज सिर्फ एक चिन्ह नहीं, बल्कि दैवीय शक्ति का वाहक माना जाता है। ज्योतिषविदों के अनुसार, विवाह पंचमी के दिन राम मंदिर में ध्वजारोहण अभिजीत मुहूर्त में करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इसलिए, यह 30 मिनट की अवधि विशेष रूप से शुभ मानी जा रही है।
Vivah Panchami 2025: विवाह पंचमी का दिन क्यों है इतना खास?
सनातन धर्म में विवाह पंचमी का काफी महत्व होता है। इस पर्व को भगवान श्रीराम और माता सीता के भव्य विवाह की स्मृति में मनाया जाता है। हर वर्ष विवाह पंचमी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, त्रेता युग में इसी दिन भगवान श्रीराम ने जनकपुरी में शिवधनुष तोड़कर माता सीता का स्वयंवर जीता था। यह पर्व न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि प्रेम, समर्पण और आदर्श वैवाहिक जीवन का प्रतीक भी माना जाता है।
क्यों विशेष होता है अभिजीत मुहूर्त?
वैदिक ज्योतिष में अभिजीत मुहूर्त को किसी भी शुभ कार्य के लिए सर्वोत्तम समय माना गया है। इसे दिन का सबसे प्रभावशाली समय कहा जाता है, क्योंकि यह सीधे सूर्य देव की ऊर्जा से जुड़ा रहता है। उल्लेखनीय है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भी अभिजीत मुहूर्त में ही हुई थी। यही वजह है कि ध्वजारोहण के लिए भी यही मुहूर्त सर्वाधिक शुभ माना जा रहा है।
Ram Mandir Flag Hoisting Ceremony: अयोध्या में ध्वजारोहण वाले दिन क्या होगा?
Ram Mandir Dhwajarohan के दिन कई वैदिक अनुष्ठान किए जाएंगे, जैसे देवी-देवताओं का आवाहन, पंचदेव पूजन, नवग्रह शांति और विशेष हवन। तकनीकी तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं, ध्वज के आकार, दंड की क्षमता, रस्सियों की मजबूती, रथयात्रा की व्यवस्थाएं, सुरक्षा प्रबंध और 600 किलो प्रसाद की तैयारी, सब कुछ बारीकी से सुनिश्चित किया गया है।
प्रधानमंत्री सहित देशभर के कई विशिष्ट अतिथि इस आयोजन में शामिल होंगे, लेकिन इस बार विशेष प्राथमिकता अयोध्या के स्थानीय निवासियों को दी जा रही है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का मानना है कि अयोध्या वासी भगवान राम के सबसे प्रिय हैं, इसलिए इस ऐतिहासिक क्षण के प्रथम सहभागी वही होने चाहिए।
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