Vivah Panchami Katha in Hindi: सनातन धर्म में विवाह पंचमी का काफी महत्व होता है। इस पर्व को भगवान श्री राम और माता सीता के भव्य विवाह की स्मृति में मनाया जाता है। हर वर्ष विवाह पंचमी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, त्रेता युग में इसी दिन भगवान श्री राम ने जनकपुरी में शिवधनुष तोड़कर माता सीता का स्वयंवर जीता था। यह पर्व न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि प्रेम, समर्पण और आदर्श वैवाहिक जीवन का प्रतीक भी माना जाता है।
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विवाह पंचमी का पर्व साल 2025 में मंगलवार, 25 नवंबर को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, पंचमी तिथि की शुरुआत 24 नवंबर को रात 09 बजकर 22 मिनट पर होगी और इसका समापन अगले दिन यानी 25 नवंबर को रात 10 बजकर 56 मिनट पर होगा। चूंकि उदयातिथि 25 नवंबर को पड़ रही है, इसलिए विवाह पंचमी का मुख्य पूजन और उत्सव इसी दिन आयोजित किया जाएगा।
Vivah Panchami Katha in Hindi (Photo: AI Generated)
मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से प्रभु श्रीराम और माता सीता का विवाह करने और विवाह पंचमी की कथा पढ़ने और सुनने से घर में सुख-समद्धि का आगमन होता है। इसके अलाव, वैवाहिक जीवन में भी सौहार्द बना रहता है।
Vivah Panchami Katha in Hindi: विवाह पंचमी की व्रत कथा
Vivah Panchami Katha in Hindi (Photo: AI Generated)
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने राजा दशरथ के घर श्री राम के रूप में जन्म लिया। वहीं मिथिला के राजा जनक को खेत जोतते समय धरती से एक कन्या प्राप्त हुई, जिन्हें उन्होंने अपनी पुत्री बनाकर ‘सीता’ नाम दिया। जब सीता युवा हुईं, तो राजा जनक ने उनके लिए स्वयंवर रचाया। इसमें यह शर्त रखी गई कि जो भी भगवान शिव के दिव्य और अत्यंत शक्तिशाली धनुष को तोड़ देगा, वही सीता से विवाह कर सकेगा। इस धनुष को तोड़ना लगभग असंभव माना जाता था।
स्वयंवर में अनेक राजकुमार उपस्थित हुए, लेकिन कोई भी उस धनुष को उठा भी नहीं सका। तभी गुरु वशिष्ठ के निर्देश पर वहाँ आए श्रीराम धनुष के समीप पहुँचे। उन्होंने शांत मन से धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाई और खींचते ही वह दो हिस्सों में टूट गया। इस अद्भुत घटना से सभी आश्चर्यचकित रह गए। इसके बाद सीता, अपनी सखियों के साथ राम के पास आईं। एक सखी ने उन्हें जयमाला पहनाने का संकेत दिया। उस वक्त उनके हाथ ऐसे दीख रहे थे जैसे कमल के डंठलों समेत दो फूल चाँद को निहारते हुए माला अर्पित कर रहे हों। फिर सीता ने श्रीराम के गले में जयमाला डाल दी।
Vivah Panchami Katha in Hindi (Photo: AI Generated)
यह दृश्य देखकर देवताओं ने पुष्पवृष्टि शुरू कर दी। नगर और आकाश में ढोल-नगाड़ों की गूंज फैल गई। इसके बाद श्रीराम और सीता का विवाह बड़े हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। तभी से हर वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर माता सीता और प्रभु श्री राम के विवाह दिवस को उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
Vivah Panchami 2025: विवाह पंचमी के दिन क्यों नहीं होती शादियां?
Ram Sita Vivah Story (Photo: AI Generated)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री राम और माता सीता ने विवाह के तुरंत बाद अपने जीवन में कई सारे कष्टों और मुश्किलों का सामना किया था। उन्हें अपना महल त्यागकर 14 साल के कठोर वनवास पर जाना पड़ा, देवी सीता को अग्निपरीक्षा देनी पड़ी। इतना ही नहीं, जीवन में कई सारे उतार-चढ़ाव के चलते माता सीता को अपने पुत्रों के साथ राज्य का परित्याग करना पड़ा। इसलिए विवाह पंचमी का दिन शादी के लिए सही नहीं माना जाता है।