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वैवाहिक सुख के लिए ऐसे करें विवाह पंचमी व्रत! साथ जानें त्रेता युग के सबसे बड़े स्वयंवर की कहानी

12:54 PM Nov 25, 2025 IST | Khushi Srivastava
Vivah Panchami Vrat Kaise Rakhe
Vivah Panchami Vrat Kaise Rakhe: आज यानी 25 नवंबर, 2025 को विवाह पंचमी का पावन पर्व मनाया जा रहा है। सनातन धर्म में विवाह पंचमी का काफी महत्व होता है। इस पर्व को भगवान श्री राम और माता सीता के भव्य विवाह की स्मृति में मनाया जाता है। हर वर्ष विवाह पंचमी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, त्रेता युग में इसी दिन भगवान श्री राम ने जनकपुरी में शिवधनुष तोड़कर माता सीता का स्वयंवर जीता था। यह पर्व न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि प्रेम, समर्पण और आदर्श वैवाहिक जीवन का प्रतीक भी माना जाता है।
मान्यता है कि इस दिन श्रद्धापूर्वक पूजा और व्रत करने से दांपत्य जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है। पति-पत्नी के बीच के मतभेद दूर होते हैं और जिन लोगों के विवाह में बाधाएं आती हैं, उन्हें जल्द ही योग्य जीवनसाथी प्राप्त होता है। विवाह पंचमी का यह पवित्र दिन प्रेम, निष्ठा और विश्वास के बंधन को मजबूत करने का प्रतीक माना जाता है।

Vivah Panchami Shubh Muhurat: विवाह पंचमी 2025 के शुभ मुहूर्त

Vivah Panchami (Photo: AI Generated)
विवाह पंचमी का पर्व पूरे दिन श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है, हालांकि विवाह से संबंधित मुख्य रस्में हमेशा शुभ मुहूर्तों में ही संपन्न की जाती हैं। 25 नवंबर 2025 को पूजन और अनुष्ठान के लिए यह तीन समय सबसे श्रेष्ठ माने गए हैं: अभिजित मुहूर्त जो सुबह 11:47 से दोपहर 12:29 बजे तक रहेगा; इसके बाद विजय मुहूर्त है जिसका समय दोपहर 1:53 से 2:36 बजे तक है; और अंत में अमृत काल जो शाम 5:00 बजे से 6:45 बजे तक रहेगा।

Vivah Panchami Vrat Kaise Rakhe: विवाह पंचमी पर क्या करना होगा शुभ?

Vivah Panchami Vrat Kaise Rakhe (Photo: AI Generated)
  1. विवाह पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
  2. घर में भगवान श्री राम और माता सीता की प्रतिमाओं को कपड़े से साफ करें। फिर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उन्हें स्थापित करें।
  3. श्री राम और माता सीता की विधि-विधान से पूजा करें।
  4. धूप, दीप, पुष्प, फल और पंचामृत से श्री राम और देवी सीता का अभिषेक करें।
  5. विवाह पंचमी के दिन घर में वाल्मीकि रामायण या रामचरितमानस का पाठ करें।
  6. शाम के समय विवाहोत्सव का आयोजन करें। इसके साथ विवाह की झांकी और भजन-कीर्तन करें।

Vivah Panchami Vrat Katha: विवाह पंचमी की व्रत कथा

Ram Sita Vivah Panchami ki Kahani (Photo: AI Generated)

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने राजा दशरथ के घर श्री राम के रूप में जन्म लिया। वहीं मिथिला के राजा जनक को खेत जोतते समय धरती से एक कन्या प्राप्त हुई, जिन्हें उन्होंने अपनी पुत्री बनाकर ‘सीता’ नाम दिया। जब सीता युवा हुईं, तो राजा जनक ने उनके लिए स्वयंवर रचाया। इसमें यह शर्त रखी गई कि जो भी भगवान शिव के दिव्य और अत्यंत शक्तिशाली धनुष को तोड़ देगा, वही सीता से विवाह कर सकेगा। इस धनुष को तोड़ना लगभग असंभव माना जाता था।

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स्वयंवर में अनेक राजकुमार उपस्थित हुए, लेकिन कोई भी उस धनुष को उठा भी नहीं सका। तभी गुरु वशिष्ठ के निर्देश पर वहाँ आए श्रीराम धनुष के समीप पहुँचे। उन्होंने शांत मन से धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाई और खींचते ही वह दो हिस्सों में टूट गया। इस अद्भुत घटना से सभी आश्चर्यचकित रह गए। इसके बाद सीता, अपनी सखियों के साथ राम के पास आईं। एक सखी ने उन्हें जयमाला पहनाने का संकेत दिया। उस वक्त उनके हाथ ऐसे दीख रहे थे जैसे कमल के डंठलों समेत दो फूल चाँद को निहारते हुए माला अर्पित कर रहे हों। फिर सीता ने श्रीराम के गले में जयमाला डाल दी।

Vivah Panchami Vrat Kaise Rakhe (Photo: AI Generated)
यह दृश्य देखकर देवताओं ने पुष्पवृष्टि शुरू कर दी। नगर और आकाश में ढोल-नगाड़ों की गूंज फैल गई। इसके बाद श्रीराम और सीता का विवाह बड़े हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। तभी से हर वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर माता सीता और प्रभु श्री राम के विवाह दिवस को उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
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