वोडाफोन आइडिया ने सुप्रीम कोर्ट में मांगी राहत
सुप्रीम कोर्ट में वोडाफोन आइडिया की याचिका
वोडाफोन आइडिया (VI) ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) ड्यूज से जुड़ी ₹30,000 करोड़ से ज्यादा की पेनल्टी और ब्याज माफ करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। CNBC की रिपोर्ट के अनुसार, 19 मई को दाखिल इस याचिका में कंपनी ने तुरंत सुनवाई की अपील की है। VI का कहना है कि सरकार की कंपनी में 49% हिस्सेदारी है और वह एक साझेदार के रूप में कंपनी को वित्तीय संकट से उबारने में मदद करे। खबर के बाद VI का शेयर करीब 4% चढ़कर 7.22 रुपये पर बंद हुआ। पिछले एक साल में वोडाफोन आइडिया का शेयर 45% गिरा है। फिलहाल कंपनी का बाजार पूंजीकरण ₹78,220 करोड़ है। हालांकि, AGR और स्पेक्ट्रम बकाए के चलते कंपनी की वित्तीय स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।
सरकार की हिस्सेदारी 49% तक पहुंची
30 मार्च 2025 को सरकार ने वोडाफोन आइडिया में अपनी हिस्सेदारी 22.6% से बढ़ाकर लगभग 49% कर दी थी। यह हिस्सेदारी स्पेक्ट्रम ऑक्शन के ₹36,950 करोड़ बकाया को इक्विटी शेयर्स में बदलकर दी गई थी। हालांकि, प्रमोटर्स के पास अब भी कंपनी का ऑपरेशनल कंट्रोल है।
राहत न मिलने पर वित्तीय स्थिति और बिगड़ सकती है
वोडाफोन आइडिया का कहना है कि कंपनी में 59 लाख से अधिक रिटेल निवेशक हैं और अगर सरकार राहत देती है, तो इससे कंपनी की वित्तीय स्थिति में सुधार हो सकता है। कंपनी पहले भी 2021 के टेलीकॉम राहत पैकेज के तहत मदद मांग चुकी है। जुलाई 2024 में वोडाफोन आइडिया ने AGR बकाए की गणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी, जिसमें नॉन-कोर रेवेन्यू को शामिल किए जाने पर आपत्ति जताई गई थी। लेकिन सितंबर 2024 में कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी थी।
Telecom Bill 2023: सरकार 18 दिसंबर को लोकसभा में पेश कर सकती है दूरसंचार विधेयक 2023
सरकार से बार-बार की जा रही मदद की मांग
22 मार्च को कंपनी ने सरकार से अतिरिक्त वित्तीय सहायता की अपील की थी। इससे पहले 11 मार्च को टेलीकॉम सेक्रेटरी को भेजे पत्र में कंपनी ने बकाया रकम को इक्विटी में बदलने की मांग की थी। कंपनी के अनुसार, उनके पास आने वाले समय में ₹13,089 करोड़ का तत्काल भुगतान करने की क्षमता नहीं है।