Vote theft row: ईसीआई ने 'वोट चोरी' के आरोपों को बताया भ्रामक, राहुल गांधी पर लगाया लोगों को गुमराह करने का आरोप
Vote theft row: कांग्रेस ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का एक वीडियो साझा करते हुए चुनाव आयोग पर निशाना साधा था। इस वीडियो में राहुल गांधी ने ‘वोट चोरी’ से जुड़े आरोप लगाए थे। इस पर भारत निर्वाचन आयोग (ECI) फैक्ट चेक ने प्रतिक्रिया देते हुए इन दावों को झूठा और भ्रामक करार दिया।
राहुल गांधी नागरिकों को गुमराह करने की कर रहे हैं कोशिश - ईसीआई
ईसीआई फैक्ट चेक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि राहुल गांधी कानून द्वारा तय प्रक्रिया को दरकिनार कर नागरिकों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। आयोग ने कहा कि यदि राहुल गांधी को अपने आरोपों पर विश्वास है, तो उन्हें बिना देरी किए सीईओ कर्नाटक को जवाब देना चाहिए और कानूनी प्रक्रिया का पालन करना चाहिए।
Vote theft row : आयोग ने राहुल गांधी के लिए दो विकल्प बताए—
पहला, अगर वह अपने विश्लेषण पर विश्वास करते हैं और मानते हैं कि चुनाव कर्मचारियों के विरुद्ध उनके आरोप सत्य हैं तो उन्हें विशिष्ट मतदाताओं के विरुद्ध दावे और आपत्तियां प्रस्तुत करने एवं निर्वाचक पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 20(3)(ख) के अनुसार घोषणा या शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
दूसरा, यदि वे ऐसा नहीं करते, तो यह माना जाएगा कि उन्हें अपने आरोपों पर भरोसा नहीं है और वे निराधार बयान दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें राष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए।
राहुल गांधी जनता से क्षमा याचना करें - आयोग
आयोग ने साफ कहा कि या तो राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाए गए मुद्दों पर हस्ताक्षरित घोषणा पेश करें, या फिर जनता से क्षमा याचना करें।
Vote theft row पर इससे पहले कांग्रेस ने ‘एक्स’ पर राहुल गांधी का वीडियो पोस्ट करते हुए दावा किया था कि ‘वोट चोरी’ का तरीका फर्जी और अमान्य है। राहुल गांधी ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि केवल एक लोकसभा क्षेत्र की एक विधानसभा सीट में 30,000 से अधिक अवैध पते पाए गए हैं।
ये भी पढ़ें- Vote theft row: चुनाव आयोग का कड़ा रुख – राहुल गांधी डिक्लेरेशन दें या देश से मांगे माफी