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Vote theft row: चुनाव आयोग का कड़ा रुख - राहुल गांधी डिक्लेरेशन दें या देश से मांगे माफी

11:39 PM Aug 09, 2025 IST | Shera Rajput
vote theft row  चुनाव आयोग का कड़ा रुख   राहुल गांधी डिक्लेरेशन दें या देश से मांगे माफी
Vote theft row

Vote theft row: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा लगातार चुनाव आयोग पर 'वोट चोरी' के आरोप लगाए जाने के बाद, भारत निर्वाचन आयोग ने एक बार फिर उनके बयानों पर सख्त प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने स्पष्ट कहा कि राहुल गांधी या तो नियमों के अनुसार डिक्लेरेशन (घोषणा) दें या फिर अपने झूठे आरोपों के लिए राष्ट्र से माफी मांगें।

Vote theft row पर आयोग का स्पष्टीकरण: सुप्रीम कोर्ट में पहले ही हो चुका है फैसला

चुनाव आयोग फैक्ट चेक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर बताया कि मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट उपलब्ध कराने की कांग्रेस की याचिका को सर्वोच्च न्यायालय ने ‘कमलनाथ बनाम चुनाव आयोग, 2019’ मामले में खारिज कर दिया था। आयोग ने कहा कि कोई भी पीड़ित उम्मीदवार 45 दिनों के भीतर संबंधित हाई कोर्ट में चुनाव याचिका (Election Petition) दायर कर सकता है।

सीसीटीवी फुटेज और कानूनी बाधाएं

ईसीआई ने स्पष्ट किया कि अगर चुनाव याचिका दायर की जाती है तो सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखी जाती है, अन्यथा इसका कोई उपयोग नहीं है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 1 लाख मतदान केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा करने में लगभग 273 साल लगेंगे, और इससे कोई कानूनी नतीजा नहीं निकल पाएगा।

Vote theft row पर वोटर लिस्ट अपीलों में कांग्रेस की कमी

चुनाव आयोग ने बताया कि लोकसभा 2024 के दौरान आरपी अधिनियम 1950 की धारा 24 के तहत सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कांग्रेस ने शायद ही कोई अपील दायर की हो। इसके बावजूद, राहुल गांधी ने कई बार आरोप लगाए हैं लेकिन कोई औपचारिक लिखित शिकायत नहीं दी।

महाराष्ट्र मामले का उदाहरण

दिसंबर 2024 में राहुल गांधी ने महाराष्ट्र का मुद्दा उठाया था, जिसके बाद कांग्रेस के एक वकील ने आयोग को पत्र लिखा। आयोग का जवाब 24 दिसंबर 2024 को सार्वजनिक रूप से वेबसाइट पर डाला गया था, लेकिन राहुल गांधी का दावा है कि आयोग ने कोई जवाब नहीं दिया।

आरोपों पर विश्वास है तो दें घोषणा-पत्र

Vote theft row पर चुनाव आयोग ने कहा कि अगर राहुल गांधी अपने आरोपों पर विश्वास रखते हैं, तो उन्हें मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 20(3)(ख) के तहत विशिष्ट मतदाताओं के खिलाफ दावे या आपत्तियां दर्ज कराते हुए एक घोषणा या शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करना चाहिए। यदि वे ऐसा नहीं करते, तो यह माना जाएगा कि उनके आरोप बेबुनियाद हैं और उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।

बता दे कि इससे पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से 5 सवाल किए थे।

ये भी पढ़ें- Vote theft row : ‘बेतुके आरोपों’ के लिए देश से माफी मांगे राहुल’, वोट चारी के आरोपों पर चुनाव आयोग की वार्निंग

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Shera Rajput

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