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Supreme Court पहुंचा मतदाता सूची में हेरफेर का मामला, रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच की मांग

08:46 AM Aug 21, 2025 IST | Neha Singh
Voter List Controversy

Voter List Controversy: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा 2024 के लोकसभा चुनाव में बेंगलुरु सेंट्रल संसदीय क्षेत्र की मतदाता सूची में कथित हेरफेर के आरोपों की जांच का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है। मतदाता सूची में कथित हेरफेर के आरोपों की जांच को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है। याचिका में इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता वाली एक समिति से कराने की मांग की गई है।

Voter List Controversy: वकील रोहित पांडेय ने दायर की याचिका

दरअसल, यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील रोहित पांडेय ने दायर की है, जिसमें भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए संवैधानिक अधिकारों का हवाला दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि बेंगलुरु सेंट्रल संसदीय क्षेत्र की मतदाता सूची में गंभीर अनियमितताएं पाई गई हैं, जो संविधान के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन हैं। याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि एक ही मतदाता के नाम कई निर्वाचन क्षेत्रों में दर्ज पाए गए हैं, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पवित्रता को खतरे में डालता है।

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Voter List Controversy

रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में होगी जांच

याचिका में तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप संविधान की पवित्रता को बनाए रखने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए आवश्यक है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति का गठन किया जाए, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश करें।

राहुल गांधी ने उठाए सवाल

Rahul Gandhi

बता दें कि राहुल गांधी ने अगस्त में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बेंगलुरु सेंट्रल की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर मतदाता सूची में कथित हेरफेर के गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया था कि इस सीट पर डुप्लीकेट मतदाता, फर्जी पते, और फॉर्म-6 का दुरुपयोग जैसी कई तरह की अनियमितताएं हुईं, जिसके परिणामस्वरूप 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा। चुनाव आयोग ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया था। उन्होंने राहुल गांधी से सात दिनों के भीतर हलफनामा दाखिल करने या माफी मांगने की मांग की थी।

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