वृश्चिक संक्रांति के दिन ये 4 चमत्कारी दान, खोलेंगे आपके भाग्य का ताला
03:13 PM Nov 10, 2025 IST | Khushi Srivastava
Vrishchika Sankranti Daan: पंचांग के अनुसार, जब सूर्य एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तो उस दिन को संक्रांति कहा जाता है। इसी कड़ी में जब सूर्य तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करते हैं, तो यह दिन वृश्चिक संक्रांति कहलाता है। वृश्चिक संक्रांति के पर्व पर स्नान, दान और पूजा-पाठ अत्यंत फलदायी माना गया है।
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Vrishchika Sankranti 2025: कब है वृश्चिक संक्रांति?
हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 में सूर्य देव 16 नवंबर को तुला राशि से निकलकर मंगल की राशि वृश्चिक में प्रवेश करेंगे। इसलिए वर्ष 2025 में वृश्चिक संक्रांति का पावन पर्व रविवार, 16 नवंबर को मनाया जाएगा। वृश्चिक संक्रांति का क्षण 16 नवंबर को दोपहर 01:45 बजे होगा। इस संक्रांति से जुड़ा पुण्य काल सुबह 08:02 बजे से शुरू होकर दोपहर 01:45 बजे तक रहेगा, जिसकी कुल अवधि 5 घंटे 43 मिनट है। इसके अतिरिक्त, महापुण्य काल दिन में 11:58 बजे से शुरू होगा और दोपहर 01:45 बजे संक्रांति के क्षण तक चलेगा, जिसकी अवधि 1 घंटा 47 मिनट है।
Vrishchika Sankranti Ka Mahatva: वृश्चिक संक्रांति का महत्व
यह दिन सूर्य देव की आराधना को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का नाश होता है और आत्मा पवित्र होती है। इस अवसर पर पितरों को तर्पण देने और दान-पुण्य करने का विशेष फल प्राप्त होता है। सूर्य का यह गोचर आत्मविश्वास, प्रतिष्ठा और करियर पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। इसे दान और सेवा का पर्व भी कहा गया है, क्योंकि इस समय सूर्य अग्नि तत्व के प्रतीक रूप में जीवन में नई ऊर्जा और शक्ति का संचार करते हैं।
Vrishchika Sankranti Daan: वृश्चिक संक्रांति पर इन 4 चीजों के दान से खुलेंगे भाग्य के द्वार
1. अन्न का दान
वृश्चिक संक्रांति के दिन जरुरतमंदों को गेहूं, दाल, चावल और अन्य अनाज का दान करना चाहिए। ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
2. वस्त्र का दान
इस दिन पुराने कपड़ों का दान करना बेहद शुभ माना जाता है। इससे समाज की मदद भी होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
3. धन का दान करें
वृश्चिक संक्रांति के दिन आश्रम, बाल गृह या मंदिर में धन का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसा करने से भाग्य वृद्धि होती है और आर्थिक स्थिरता बनी रहती है। साथ ही इससेधन संबंधी समस्या का निदान होता है।
4. फल और मिठाइयों का दान
वृश्चिक संक्रांति के दिन लाल रंग के फल का दान करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। इस दिन आप मिठाई भी वितरित कर सकते हैं। ऐसा करने से जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है और परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
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डिस्क्लेमर- इस लेख बताई गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। पंजाब केसरी इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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