सुख, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य के लिए वृश्चिक संक्रांति पर करें ये विशेष पूजन
Vrishchika Sankranti Puja Vidhi: जब सूर्य एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तो उस दिन को संक्रांति कहा जाता है। इसी प्रकार जब सूर्य तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करते हैं, तो यह दिन वृश्चिक संक्रांति कहलाता है। वृश्चिक संक्रांति के दिन स्नान, दान और पूजा-पाठ अत्यंत फलदायी माना गया है। ऐसे में आइए जानते हैं इस वर्ष की वृश्चिक संक्रांति की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
Vrishchika Sankranti 2025: वृश्चिक संक्रांति तिथि

Vrishchika Sankranti 2025 Muhurat: वृश्चिक संक्रांति का शुभ मुहूर्त
Vrishchika Sankranti Puja Vidhi: वृश्चिक संक्रांति पूजन विधि

वृश्चिक संक्रांति के दिन प्रातःकाल सूर्योदय से पहले उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें। अगर ऐसा करना संभव न हो तो या घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। स्वच्छ वस्त्र पहनें और तांबे के पात्र में जल, लाल चंदन, लाल फूल और गुड़ मिलाकर सूर्य देवता को अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय “ॐ सूर्याय नमः” या “ॐ घृणि सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करें। इसके बाद सूर्य देव की धूप, दीप और लाल चंदन से पूजा करें तथा आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
दान के रूप में अपनी सामर्थ्य अनुसार वस्त्र, अन्न, तिल, गुड़ या अन्य आवश्यक वस्तुएं जरूरतमंदों को दें। गाय का दान इस दिन अत्यंत शुभ माना गया है। अगर हो सके, तो पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म भी करें। माना जाता है कि वृश्चिक संक्रांति पर पूजा और दान-पुण्य करने से जीवन में सुख, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

Join Channel