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बजट की मायूसी को छिपाने के लिए लाया गया वक्फ बिल : अखिलेश यादव

बजट की मायूसी छिपाने के लिए वक्फ बिल लाया गया: अखिलेश यादव

10:38 AM Feb 14, 2025 IST | IANS

बजट की मायूसी छिपाने के लिए वक्फ बिल लाया गया: अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वक्फ बिल को लेकर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बजट की मायूसी को छिपाने के लिए यह बिल चोरी-छिपे लाया गया है। सपा मुखिया अखिलेश यादव शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों पर जमकर हमला बोला है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भारत सरकार का अब तक सबसे बड़ा बजट पेश हुआ है। सरकार का दावा रहा है कि आने वाले समय में दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था से नंबर तीन पर पहुंच जाएंगे। नौकरी, रोजगार, किसान की आय, विकसित भारत का रोडमैप तैयार किया है। लेकिन बजट आने के बाद एक मायूसी छाई। जो आंकड़े नजर आए, उनसे न विकसित भारत बनने जा रहा है, न इससे कोई अर्थव्यवस्था बढ़ने जा रही है, न किसान की आय दोगुनी होगी।

अखिलेश ने कहा कि सरकार रोजगार नहीं दे पा रही है। सारे नारे असफल होने के बाद वह चोरी-छिपे वक्फ बिल लाए हैं। बिल इसलिए लाए हैं कि बजट से मायूसी है। इनका यही पुराना तरीका है। मुख्यमंत्री योगी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आने वाले समय में हमें पूरे वस्त्र पहनकर स्नान करना पड़ेगा। जिस सरकार ने विकसित भारत बनाएंगे, बनारस को क्यूटो बनाएंगे की बात की थी, वहां महाकुंभ में लोगों की जान गई है। जाम में बड़े लोग परेशान हुए हैं। शहरवासी भी परेशान हुए। सरकार सब कुछ छिपा रही है। जो सरकार अच्छी व्यवस्था का दावा कर रही थी, न जाने कितने लोगों की जान चली गई। भगदड़ में ही नहीं, बल्कि जो यहां श्रद्धालु आए थे, उनकी भी जान गई। सरकार छिपा रही है।

उन्होंने आगे कहा कि जो भी भारत की सीमा और आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बनता हो, उस पर कार्रवाई हो। उसमें सबको सहयोग करना चाहिए। मुंबई कॉपरेटिव बैंक के बंद होने पर उन्होंने कहा कि कॉपरेटिव यूनिवर्सिटी बनने जा रही है। आपके पैसे की कीमत नहीं बची है। महंगाई कम हो जाती तो सबको लाभ मिल जाता है। कोविड के बाद आप लोगों का वेतन नहीं बढ़ा है। यह कोई नई चीज नहीं है। जिस बजट ने नौकरी न दी हो, जिससे किसानों की आय न बढ़ी हो, जिस बजट से व्यापार न बढ़ा हो, जिस बजट से हमारे देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को कोई लाभ न पहुंचा हो, इस बजट में मायूसी थी। निराश किया। सरकार ने धोखा दिया। जानबूझकर ऐसे बिल लाए हैं। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को लेकर कहा कि यह बहुत पहले कर देना चाहिए था।

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