Thailand–Cambodia नहीं, इन देशों में भी फैली हुई है war
Thailand–Cambodia war: आज जहां पूरी दुनिया तेजी से विकास राह पर आगे बढ़ रही है, तो वहीं दूसरी ओर धरती के कई हिस्से जंग की आग में जल रहे हैं. धर्म, जमीन, जाति और सत्ता को लेकर इंसान की पुरानी लड़ाइयां आज भी खत्म नहीं हुई हैं। हाल ही में Thailand–Cambodia के बीच एक प्राचीन शिव मंदिर को लेकर war छिड़ गई है, जिसने सीमा पर हिंसा को जन्म दे दिया। लेकिन ये दुनिया में चल रहा अकेली war नहीं है। आइए नजर डालते हैं दुनिया के कुछ ऐसे क्षेत्रों पर, जहां शांति अभी भी एक सपना है।
इजराइल-गाजा war
इजराइल और फिलिस्तीन के बीच विवाद 1948 से जारी है। अक्टूबर 2023 में यह फिर भड़क उठा, जब हमास ने इजराइल पर बड़ा हमला किया। जवाब में इजराइल ने गाजा पट्टी पर भीषण बमबारी की। इस हिंसा में अब तक 60,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। कई देशों ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन जमीन और अस्तित्व की लड़ाई अब भी जारी है।
यमन और इजराइल में war

गाजा में चल रही हिंसा का असर यमन तक पहुंच गया है। यमन के हूती विद्रोही इजराइल पर मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहे हैं। यह लड़ाई प्रत्यक्ष न होकर भी मिडिल ईस्ट की राजनीति को और उलझा रही है।
तीन साल से जारी रूस-यूक्रेन war

24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। यह war अब तीसरे साल में है। रूस को बेलारूस और उत्तर कोरिया जैसे देशों का समर्थन है, जबकि अमेरिका और यूरोपीय देश यूक्रेन की मदद कर रहे हैं। इस जंग ने न सिर्फ यूक्रेन को तबाह किया है, बल्कि पूरी दुनिया की राजनीति और अर्थव्यवस्था पर असर डाला है।
कांगो-रवांडा war

अफ्रीका में डीआर कांगो और रवांडा के बीच जातीय तनाव फिर उभर आया है। एम23 नामक विद्रोही गुट को लेकर दोनों देशों में टकराव है। जून 2025 में एक शांति समझौता हुआ था, लेकिन जमीनी हालात अब भी खराब हैं और सीमा पर झड़पें जारी हैं।
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Civil War की चपेट में: सूडान, माली और बुर्किना फासो
इन अफ्रीकी देशों में जंग अपने ही लोगों के बीच हो रही है। सूडान में सेना और अर्धसैनिक बल RSF के बीच 2023 से लड़ाई जारी है, जो 2021 के सैन्य तख्तापलट के बाद शुरू हुई थी। वहीं बुर्किना फासो में सरकार और जिहादी समूहों के बीच 2015 से संघर्ष चल रहा है। इसके अलावा, माली में 2012 से जातीय और धार्मिक विद्रोह थमा नहीं है, जहां सत्ता परिवर्तन और आतंकी गुटों का प्रभाव हिंसा को बढ़ा रहा है।
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Thailand-Cambodia के बीच एक बार फिर सीमा पर हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। हाल ही में थाई सेना ने कंबोडिया के सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं। इससे पहले दोनों देशों के सैनिकों के बीच गोलीबारी भी हुई थी। कंबोडिया का आरोप है कि थाई सेना ने पहले फायरिंग की, जबकि थाईलैंड का कहना है कि कंबोडिया ने पहले ड्रोन तैनात किया, फिर रॉकेटों और तोपों से हमला किया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस तनाव के पीछे की वजह एक पूराना प्रेह विहेयर मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर 9वीं सदी में खमेर सम्राट सूर्यवर्मन द्वारा बनवाया गया था। यह मंदिर अब आस्था से आगे बढ़कर राजनीति, राष्ट्रवाद और सैन्य प्रदर्शन का केंद्र बन चुका है।
राजनीतिक असर
2 जुलाई 2025 को Thailand की प्रधानमंत्री पैतोंगतर्न शिनावात्रा को कोर्ट ने पद से निलंबित कर दिया। इसकी वजह एक कॉल बनी, जिसमें वे कंबोडिया के एक वरिष्ठ नेता को ‘चाचा’ कह रही थीं, जबकि दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर था। यह कॉल लीक होते ही लोगों में नाराज़गी फैल गई और इसे राष्ट्रविरोधी माना गया, जिसके बाद उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी।

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