For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

मांगे पूरी होने तक राज्यभर में जारी रहेगा जल सत्याग्रह आंदोलन : ऋषिकेश

सासाराम ,(पंजाब केसरी) : इंद्रपुरी जलाशय पर कॉफ्फेडने अपने मछुआरा समिति के सैकड़ों सदस्यों के साथ जल सत्याग्रह किया। इस सत्याग्रहमें सैकड़ों महिलाओं ने भी भाग लिया।

05:15 PM Sep 02, 2023 IST | Desk Team

सासाराम ,(पंजाब केसरी) : इंद्रपुरी जलाशय पर कॉफ्फेडने अपने मछुआरा समिति के सैकड़ों सदस्यों के साथ जल सत्याग्रह किया। इस सत्याग्रहमें सैकड़ों महिलाओं ने भी भाग लिया।

मांगे पूरी होने तक राज्यभर में जारी रहेगा जल सत्याग्रह आंदोलन   ऋषिकेश
सासाराम ,(पंजाब केसरी) : इंद्रपुरी जलाशय पर कॉफ्फेडने अपने मछुआरा समिति के सैकड़ों सदस्यों के साथ जल सत्याग्रह किया। इस सत्याग्रहमें सैकड़ों महिलाओं ने भी भाग लिया। कॉफ्फेड के प्रबंध निदेशक  ऋषिकेश कश्यपने नीतीश सरकार और अन्य राजनीतिक पार्टियों को चेतावनी देते हुए कहा कि मछुआराकिसी का वोट बैंक नहीं है जो पार्टी मछुआरों के लिए काम करेगी मछुआरे उनके लिए कामकरने को तैयार है। नीतीश सरकार को इंद्रपुरी जलाशय के साथ अन्य जगहों की खुली डाकबंद करनी चाहिए नहीं तो कॉफ्फेड मछुआरों के मौलिक अधिकारों के लिए गंभीर जलसत्याग्रह जारी रखेगा। कॉफ्फेड के प्रबंध निदेशक ऋषिकेशकश्यप ने कहा कि वर्ष 2022-23 में बिहार ने पूरे भारत में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के क्षेत्रमें बेहतर प्रदर्शन करते हुए 10.64 फीसदी की सर्वाधिक वृद्धि हासिल की। इस वृद्धि में मत्स्य क्षेत्रका बहुत बड़ा हाथ है जिसके कारण भारत सरकार ने मत्स्य क्षेत्र को विकास में रीढ़ केरूप में स्वीकार भी किया है, पर नीतीश सरकार मछुआरा समाज को रीढ़ विहीन करने पर तुली हुई है वह जलमाफियाओं को संरक्षण देते हुए मछुआरा समितियों को दरकिनार कर जलाशयों को खुली डाकके माध्यम से माफियाओं को देने की चाल चल रही है। सरकार की इस मंशा को कॉफ्फेड कभीसफल नहीं होने देगा।  उन्होंने कहा कि मौजूदा 2023 में बिहार पर कर्ज 2,13,406 (दो लाख तेरह हजार चार सौ छह) करोड़ है.बिहार के प्रत्येक व्यक्ति पर लगभग 19000 रुपये का कर्ज होता है. सरकार मछुआरा समाज की सही ढंग से मदद् करेतो बिहार के प्रत्येक व्यक्ति का कर्ज निषाद समाज अकेले ही मेहनत के बल पर उतारनेका दम रखता है। सरकार की नियत में ही खोट है वह मछुआरा समाज को मजबूत होने देनानहीं चाहती और उसके मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है। मालूम हो कि बिहार में मछलीका मांग 10 लाख मैट्रिक टनहै परन्तु उत्पादन मात्र 8 लाख मैट्रिक टन है। 2 लाख मैट्रिक आन्ध्रप्रदेश एवं पश्चिम बंगाल से आयात किया जाता है।जिस पर लगभग 4हज़ार करोड़ रूपये का खर्च बिहार वासियों को करना पड़ता है। रूपये खर्च करने के बादभी बिहारवासी 3-4दिन की बासी खाने पर विवश है। श्री कश्यप ने राजनीतिक पार्टियों कोचेतावनी देते हुए कहा कि पार्टियों को निषाद समाज की हितों से खिलवाड नहीं करनाचाहिए। निषाद समाज ने प्रभु राम की सहायता कर उनसे कुछ आशा नहीं किया तो सदाआत्मनिर्भर रहा निषाद समाज सरकार से बस सम्मान और मौलिक अधिकार चाहता है। पूरेबिहार में सरकार जलाशयों की खुली डाक नहीं कर मछुआरा समाज की मत्स्यजीवी समितियोंको सौपें। सरकार द्वारा मांगें नहीं माने जाने तक कॉफ्फेड बिहार में जल सत्याग्रहकरता रहेगा। इस अवसर पर कॉफ्फेड के अध्यक्ष प्रयाग सहनी, निदेशक धर्मेन्द्र सहनी एवं ब्रजेन्द्रनाथ सिन्हा के आलावे मुकेश कुमार मल्लाह, जिलाध्यक्ष, रोहतास, सोनूचौधरी, रामनाथ चौधरी,राजेन्द्र चौधरी,बासूदेव चौधरी,गोपाल चौधरी,महेन्द्र चौधरी,संजय चौधरी(मुखिया), अवधेश चौधरी(व्यास जी), संजयचौधरी, मंत्री, सिकंदर चौधरी, अध्यक्ष, तिलौथू प्रखण्ड, करीबन राम, मंत्री, आनंद चौधरी, अध्यक्ष, डेहरी ऑन सोन प्रखण्ड, गुलाबचंद चौधरी, मंत्री, बारून प्रखण्ड, कृष्णा बिंद, धनैया देवी, मंत्री, शिवसागर प्रखण्ड, सुरेन्द्र सहनी, संझौली प्रखण्ड, प्रताप छनुलाल, कराकाट प्रखण्ड, कलक्टर चौधरी, मंत्री, विनोद चौधरी, अध्यक्ष, नासरीगंज, प्रखण्ड, महेन्द्र चौधरी, मंत्री, जनेश्वर चौधरी, अध्यक्ष, नौहट्टा, रामेश्वर चौधरी, मंत्री, धर्मराज चौधरी, अध्यक्ष, रोहतास, संजीव मोहन, मंत्री, देवराज चौधरी, अध्यक्ष, सासाराम, मुन्ना चौधरी, जिलाध्यक्ष, कैमूर, श्याम सुंदर बिन्द, अध्यक्ष, चेनारी, कुँवर चौधरी, लल्लु चौधरी, एवं दिनेश सहनी उपस्थित थे।
Advertisement
Advertisement
Author Image

Advertisement
×