WB News: राष्ट्रपति मुर्मू के बारे में विवादित बयान देकर चौतरफा घिरे TMC नेता, भाजपा ने साधा निशाना
पश्चिम बंगाल के मंत्री अखिल गिरि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में विवादित बयान देकर चौतरफा आलोचना का सामना कर रहे हैं।
03:44 PM Nov 12, 2022 IST | Desk Team
पश्चिम बंगाल के मंत्री अखिल गिरि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में विवादित बयान देकर चौतरफा आलोचना का सामना कर रहे हैं। हालांकि, उनके बयान से जुड़ा वीडियो वायरल होने के बाद गिरि ने माफी मांग ली है।वायरल हुए 17 सेकंड के एक वीडियो में गिरि “राष्ट्रपति के रूप” के बारे में टिप्पणी करते हुए सुनाई दे रहे हैं।
गिरि ने बयान के लिए माफी मांगी
राज्य के सुधार गृह मंत्री व तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता गिरि को शुक्रवार देर शाम नंदीग्राम के एक गांव में एक रैली में कहते सुना गया कि, “उन्होंने (बीजेपी ने) कहा कि मैं अच्छा नहीं दिखता हूं। हम किसी को उसके रूप से नहीं आंकते। हम (भारत के) राष्ट्रपति के पद का सम्मान करते हैं। लेकिन हमारी राष्ट्रपति कैसी दिखती हैं?”आज सुबह पत्रकारों से बात करते हुए गिरि ने उस बयान के लिए माफी मांगी।
उन्होंने एक समाचार चैनल से कहा, “मेरा मकसद राष्ट्रपति का अपमान करना नहीं था। बीजेपी नेताओं ने मेरे बारे में जो कहा, मैं उसका जवाब दे रहा था। हर दिन मेरे रूप के कारण मुझपर टिप्पणियां की जाती हैं। अगर किसी को लगता है कि मैंने राष्ट्रपति का अपमान किया है, तो यह गलत है। मैं देश की राष्ट्रपति का बहुत सम्मान करता हूं। ”
टीएमसी की आदिवासी विरोधी मानसिकता
हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने टीएमसी पर निशाना साधते हुए कहा कि गिरि का बयान टीएमसी की “आदिवासी विरोधी” मानसिकता को दर्शाता है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से हैं। अखिल गिरि ने देश के राष्ट्रपति के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। ये टिप्पणियां टीएमसी की आदिवासी विरोधी मानसिकता को दर्शाती हैं।”
देश की महिलाओं का अपमान
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सांसद सौमित्र खान ने टिप्पणी को “जघन्य” करार दिया और गिरि की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। खान ने कहा, “यह एक जघन्य कृत्य है और इसे माफ नहीं किया जा सकता है। सम्मानित राष्ट्रपति का अपमान इस देश की महिलाओं और पूरी आबादी का अपमान है। उन्हें तुरंत विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर गिरफ्तार किया जाना चाहिए। मैंने इस बारे में राष्ट्रीय महिला आयोग को पत्र लिखा है।”
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