भारत को हमने प्रमुख रक्षा साझेदार का दर्जा दिया है, रक्षा औद्योगिक आधार में देंगे हर मदद : पेंटागन
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन भारत को न केवल हथियार तथा साजो-सामान मुहैया करा कर बल्कि उसे अपना रक्षा औद्योगिक आधार विकसित करने में भी मदद कर नयी दिल्ली के साथ अपने सैन्य एवं तकनीकी सहयोग को प्रगाढ़ करने की कोशिश कर रहा है।
05:24 PM Mar 11, 2021 IST | Ujjwal Jain
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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन भारत को न केवल हथियार तथा साजो-सामान मुहैया करा कर बल्कि उसे अपना रक्षा औद्योगिक आधार विकसित करने में भी मदद कर नयी दिल्ली के साथ अपने सैन्य एवं तकनीकी सहयोग को प्रगाढ़ करने की कोशिश कर रहा है।
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पेंटागन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को सांसदों से कहा कि 2016 में अमेरिका ने भारत को एक ‘प्रबल रक्षा साझेदार’ का दर्जा दिया था, जिसके तहत वाशिंगटन अपने निकटतम सहयोगियों और साझेदारों के स्तर पर भारत के साथ प्रौद्योगिकी साझा करने को सुविधाजनक बनाने की दिशा में काम करना जारी रखेगा।
हिंद-प्रशांत सुरक्षा से जुड़े मामलों के अमेरिका के कार्यकारी सहायक रक्षा सचिव डेविड हेल्वे ने ‘हाउस आर्मड सर्विज कमेटी’ में हिंद-प्रशांत पर की सुनवाई के दौरान सांसद डौग लेम्बोर्न के सवाल के जवाब में कहा कि भारत अमेरिका का एक सच्चा साझेदार और बढ़ता साझेदार है।
हेल्वे ने सांसदों से कहा, ‘‘ हम भारत के साथ सैन्य एवं तकनीकी सहयोग को गहरा करने की कोशिश कर रहे हैं, जो कि उन्हें हथियार तथा साजो-सामान उपलब्ध कराने पर आधारित है, ताकि हम अंतर-बलों और क्षमताओं का निर्माण कर सकें और भारत का रक्षा औद्योगिक आधार विकसित करने में उनकी मदद कर सकें। इसका मकसद यह है कि भारत अपनी जरूरतों के हिसाब से साजो-सामान का उत्पादन कर सके और हमारे साथ तथा क्षेत्र के अन्य देशों के साथ मिल कर काम कर सके।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ भारत को हमने प्रमुख रक्षा साझेदार का दर्जा दिया है।’’ अमेरिका के रक्षा मंत्री जनरल लॉयड जे ऑस्टिन की भारत यात्रा से पहले हेल्वे ने यह बयान दिया है। ऑस्टिन 19-21 मार्च को के दौरान भारत की यात्रा करेंगे। इस दौरान दोनों पक्षों द्वारा स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बनाये रखने के तरीकों और रक्षा संबंधों को मजबूत करने की संभावना है।
ऑस्टिन ने कहा था कि वह भारत यात्रा के दौरान अमेरिका और भारत की प्रमुख रक्षा साझेदारी को गहरा करने और दोनों देशों के बीच सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए अपने समकक्ष राजनाथ सिंह और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे।
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