Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

'हमें POK चाहिए और बहुत जल्द लेकर रहेंगे' Operation Sindoor पर रामभद्राचार्य ने कही बड़ी बात

ऑपरेशन सिंदूर पर रामभद्राचार्य का पीओके पर बड़ा दावा

01:27 AM May 17, 2025 IST | IANS

ऑपरेशन सिंदूर पर रामभद्राचार्य का पीओके पर बड़ा दावा

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और भारतीय सेना के पराक्रम की जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने जमकर तारीफ की। दावा किया कि पाकिस्तान की ऐसी पिटाई हुई है कि उबरने में उसे सैकड़ों साल लगेंगे। इसके साथ ही संस्कृत विद्वान ने विश्वास के साथ कहा, “हमें पीओके चाहिए और हमें यह बहुत जल्द मिलेगा।”

समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि मुझे लगता है कि पाकिस्तान अपनी आदत से बाज नहीं आएगा। पाकिस्तान को यह समझना होगा कि इस बार ऑपरेशन सिंदूर के तहत उसकी जमकर धुलाई हुई है और आगे फिर से नापाक हरकत की तो अंजाम घातक होंगे।

Advertisement

उन्होंने आगे कहा, ” हमारी भारतीय सेना ने पाकिस्तान की जमकर पिटाई की है लेकिन, भारत के हाथों पिटाई खाने के बाद भी पाकिस्तान सुधरने वाला नहीं है। हम कह रहे हैं कि हमें पीओके चाहिए और हमें यह बहुत जल्द मिलेगा।”जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान को जो चोट पहुंचाई है उससे उबरने में पाकिस्तान को एक शताब्दी का समय लगेगा।

ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मान को रामभद्राचार्य ने लंबे संघर्ष का नतीजा बताया। उन्होंने कहा, जितना बड़ा संघर्ष होता है, उतनी ही बड़ी सफलता भी मिलती है। मैंने लंबे समय तक संघर्ष किया है, इसलिए सफलता भी बड़ी है। पहली बार किसी संत को ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह मैंने किसी से उधार में नहीं लिया है। मैंने काम किया, इसीलिए मुझे यह मिला है। मैंने 250 पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें से 150 संस्कृत में हैं। संस्कृत में मेरी चार महाकाव्य हैं।

बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार(16मई) को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में संस्कृत के विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य को 58वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने (रामभद्राचार्य) उत्कृष्टता का प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है। दिव्यांग होने के बावजूद, जगद्गुरु ने अपने दिव्य दृष्टिकोण से साहित्य और समाज की सेवा में असाधारण योगदान दिया है। रामभद्राचार्य ने साहित्य और सामाजिक सेवा दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय कार्य किया है। उनके गौरवशाली जीवन से प्रेरणा लेकर आने वाली पीढ़ियां साहित्य सृजन, समाज और राष्ट्र निर्माण की दिशा में आगे बढ़ती रहेंगी।

30 मई की जगह 29 मई को PM Modi का Bihar दौरा, जानें क्यों बदली तारीखें

Advertisement
Next Article