Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

मध्यम आय वर्ग वाला देश बनना चाहते हैं हम : राष्ट्रपति

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि भारत ने निरंतर विकास के लिए स्वयं को तैयार किया है। ‘हम गरीबी उन्मूलन के लिए प्रयासरत हैं और मध्यम आय वर्ग वाला देश बनना चाहते हैं।’

07:11 PM Dec 14, 2019 IST | Shera Rajput

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि भारत ने निरंतर विकास के लिए स्वयं को तैयार किया है। ‘हम गरीबी उन्मूलन के लिए प्रयासरत हैं और मध्यम आय वर्ग वाला देश बनना चाहते हैं।’

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि भारत ने निरंतर विकास के लिए स्वयं को तैयार किया है। ‘हम गरीबी उन्मूलन के लिए प्रयासरत हैं और मध्यम आय वर्ग वाला देश बनना चाहते हैं।’ 
Advertisement
कोविंद ने यह बात राष्ट्रपति भवन में आयोजित केंद्रीय विश्वविद्यालयों के सम्मेलन में कही। देशभर के 46 विश्वविद्यालयों से आए प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘देश में मौजूद प्रत्येक संस्थान की हमारे सामाजिक-आर्थिक लक्ष्यों की प्राप्ति के में महत्वपूर्ण भूमिका है। केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय भी अपने महत्वपूर्ण अनुसंधानों से कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने के हमारे राष्ट्रीय लक्ष्य में मददगार हो सकते हैं। ये अनुसंधानों से किसानों की भी बड़ी सहायता कर सकते हैं।’ 
उन्होंने कहा कि यही बात अन्य तकनीकी विश्वविद्यालयों के साथ भी है, जिनमें दवा-निर्माण, विमानन, समुद्र विज्ञान, पेट्रोलियम और ऊर्जा, आईटी, डिजाइन, वास्तुकला और अन्य क्षेत्र भी शामिल हैं।
 
राष्ट्रपति ने कृषि, फार्मा, एविएशन, फुटवियर-डिजाइन, फैशन, पेट्रोलियम और ऊर्जा, समुद्री अध्ययन, प्लानिंग व आर्किटेक्ट और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों से जुड़े उच्च तकनीकी शिक्षण संस्थानों के इस सम्मेलन की अध्यक्षता की। 
कोविंद ने कहा, ‘हमारे ये सभी संसधान अच्छा कार्य कर रहे हैं, लेकिन हमें इन्हें और आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था बढ़ रही है। ऐसे में हमें वैश्विक स्तर की दक्षता हासिल करने की जरूरत है जो विश्व में सबसे बढ़िया और बेहतर हो। हम गरीबी उन्मूलन के लिए प्रयासरत हैं और मध्यम आय वर्ग वाला देश बनना चाहते हैं।’
 
राष्ट्रपति ने कहा कि अपनी विशेषज्ञता विकसित कर इन संस्थानों को एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए और एक-दूसरे से सीखना चाहिए। प्रमुख उच्च शिक्षा संस्थानों के प्रमुखों को अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। 
Advertisement
Next Article