'पहलगाम हमले के गुनहगारों को सजा दिला कर रहेंगे', अमेरिकी विदेश मंत्री से बोले S Jaishankar
पहलगाम हमले पर भारत-अमेरिका की सख्त कार्रवाई की तैयारी
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी समकक्ष मार्को रुबियो से बातचीत में पहलगाम हमले के गुनहगारों को सजा दिलाने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि भारत आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए दृढ़ है। रुबियो ने भी आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ सहयोग की बात कही।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष मार्को रुबियो से बात की है। उन्होंने इसकी जानकारी सोशल मीडिया पोस्ट एक्स पर दी। जिसके मुताबिक भारत इस हमले की साजिश रचने वालों और हमलावरों को सजा दिलाने को प्रतिबद्ध है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव पर जयशंकर और रुबियो ने बात की। विदेश मंत्री ने एक्स पोस्ट में इसकी जानकारी देते हुए लिखा, “कल अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ पहलगाम आतंकवादी हमले पर चर्चा की। इसके अपराधियों, समर्थकों और योजनाकारों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।”
विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस की ओर से जारी एक बयान में इस बातचीत का विवरण दिया गया। रुबियो ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ सहयोग करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने भारत से आतंक के खिलाफ जंग जारी रखने के साथ तनाव कम करने और दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए भी काम करने की अपील की।
विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से फोन पर बात की। जयशंकर से बातचीत में रुबियो ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों के लिए दुख जताया। आतंकी हमले में 26 निहत्थे लोग मारे गए थे।
उधर, इस्लामाबाद स्थित पाकिस्तानी प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि शरीफ ने अमेरिकी विदेश मंत्री को दक्षिण एशिया के हालिया घटनाक्रमों पर पाकिस्तानी दृष्टिकोण से अवगत कराया। पाकिस्तान ने भारत की ओर से सिंधु जल समझौता रद करने का मुद्दा उठाया और कहा कि यह 24 करोड़ लोगों की जीवनरेखा से जुड़ा मामला है।
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने पाकिस्तान से हुई बातचीत का भी विवरण दिया। उन्होंने कहा, “विदेश सचिव ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की निंदा की। फिर दोनों नेताओं ने आतंकवादियों को उनकी जघन्य हिंसा के लिए जवाबदेह ठहराने की अपनी निरंतर प्रतिबद्धता की पुष्टि की।”
बयान में कहा गया, “सचिव ने इस अमानवीय हमले की जांच में पाकिस्तानी अधिकारियों से सहयोग करने को कहा। उन्होंने पाकिस्तान को तनाव कम करने, सीधे संचार को फिर से स्थापित करने और दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए भारत के साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित किया।”
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