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'जो दीमक हमारे देश को खा रहे थे, उनसे मुक्ति मिलेगी', वक्फ बिल पर बोलीं Kangana

प्रधानमंत्री मोदी की वजह से हमें मिला यह ऐतिहासिक दिन: कंगना

10:55 AM Apr 03, 2025 IST | Neha Singh

प्रधानमंत्री मोदी की वजह से हमें मिला यह ऐतिहासिक दिन: कंगना

 जो दीमक हमारे देश को खा रहे थे  उनसे मुक्ति मिलेगी   वक्फ बिल पर बोलीं kangana

वक्फ संशोधन बिल पर कंगना रनौत ने कहा कि यह ऐतिहासिक दिन है और प्रधानमंत्री मोदी की वजह से हमें यह सौभाग्यशाली दिन देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि इस बिल से देश को उन अवैध गतिविधियों से मुक्ति मिलेगी जो दीमक बनकर देश को खा रही थीं।

वक्फ संशोधन बिल पर पूरे देश में घमासान मचा हुआ है। कल लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल को पास कर दिया गया है। लोकसभा  में इसके समर्थन में 288 वोट पड़े। वहीं इसके विरोध में 232 वोट मिले। कल भी लोकसभा में सरकार और विपक्ष के बीच जमकर बहस हुई। वहीं आज बिल  को राज्यसभा में पेश किया गया है। सभी पार्टियां अपना अपना मत रख रही हैं। इसी कड़ी में मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ये ऐतिहासिक दिन है। कंगना ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी की वजह से हमें ये सौभाग्यशाली दिन देखने को मिला है।

दीमकों से देश को मुक्ति मिलेगी- कंगना रनौत

भाजपा सांसद ने कहा, क्या इस देश में कानून से ऊपर कुछ हो सकता है? हमें उन अवैध गतिविधियों से मुक्ति मिलेगी जो दीमक बनकर हमारे देश को खा रही थीं। जितना किसी देश का एरिया नहीं होता, उतना तो उन्होंने कब्जा किया हुआ है। पूरा देश उनमुक्त है।  कंगना रनौत ने आगे कहा, “अब अगर वे अवैध गतिविधियां करते हैं, तो कानूनी व्यवस्था उनसे सवाल कर सकती है। इससे पहले देश की क्या स्थिति थी? देश देख और समझ रहा है कि कश्मीर हो या हिमाचल प्रदेश, प्रधानमंत्री सभी लंबित कार्यों को पूरा कर रहे हैं।”

कोई भी संस्था संविधान से ऊपर नहीं- भाजपा सांसद

विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे गृह मंत्री और किरण रिजिजू ने वक्फ बिल पर विस्तार से चर्चा की। इससे ज्यादा समझाने की जरूरत नहीं है। व्यापक बात यह है कि कोई भी व्यक्ति, धर्म या संस्था कानून और संविधान से ऊपर नहीं है।

आपको बता दें इस समय भी राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल को लेकर बहस हो रही है। इसके बाद राज्यसभा में भी लोकसभा की तरह वोटिंग की जाएगी। अगर यह बिल राज्यसभा में भी पास हो जाएगा तो इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा और वक्फ बोर्ड के नियम में बदलाव लागू हो जाएगा। 

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