जानिए एल्काइन डाइट कैसे करती है काम ?
06:49 AM Nov 28, 2024 IST | Samiksha Somvanshi
वेट लॉस के लिए कई तरह की डाइटिंग की जाती हैं जिनमें इंटरमिटेंट फास्टिंग, कीटो, मेडेटेरियन डाइट जैसे नाम शामिल हैं। वैसे बॉडी को दूसरे फायदे पहुंचाने के लिए भी डायटिंग की जाती है जिसे कहते है एल्कलाइन डाइट।
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आयुर्वेद के अनुसार हमारी तासीर वात, कफ और पित की होती है। बॉडी में अम्लीय और क्षारीय (एल्काइन) भी होता है। अगर अम्लीय बढ़ जाए तो मेटाबॉलिज्म बिगड़ता है और पेट संबंधित समस्याएं होने लगती हैं।
डाइटिंग के इस तरीके से हम शरीर में एल्काइन को बढ़ाने की कोशिश करते हैं।
इसके जरिए हमारा PH लेवल बैलेंस हो पाता है और अगर PH 7.1 से 14.0 के बीच है तो वो अल्कलाइन या बेसिक है।
PH लेवल को बैलेंस करने के लिए ऐसी चीजों को खाने की सलाह दी जाती है जो एल्कलाइन को बढ़ा सके। इसके लिए हरी सब्जियां, ऑर्गेनिक फूड्स, ताजे फल, सलाद और ड्राई फ्रूट्स खाने चाहिए।
डायटिशियन डॉ परमजीत ने कहा, एल्कलाइन डाइट लेने के बाद एसिडिटी कम होने लगती है और साथ ही फैट भी घटने लगता है।
जिन्हें अक्सर सीने में जलन या पेट की समस्याएं हो उन्हें एल्कलाइन डाइट को जरूर फॉलो करना चाहिए।
क्या आप जानते हैं कि ये डाइट गठिया से भी राहत दिलाती है। बॉडी में अगर एसिडिक नेचर बढ़ जाए तो भी यूरिक एसिड प्रभावित होता है. ऐसे में जोड़ों में दर्द होने लगता है।
ये डाइट भले ही शरीर के PH लेवेल को बैलेंस करती है पर खाई हुई चीजों को पचाने के लिए एसिड भी जरूरी है। अगर आप डाइट को शुरू कर रहे हैं तो एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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