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यहां जानें सब कुछ फांसी पर लटकाने के साथ अपराधी की डेड बॉडी के साथ क्या किया जाता है

7 साल के लम्बे इंतजार के बाद आखिरकार निर्भया को इंसाफ मिल गया है। वैसे इस बात में कोई शक नहीं कि यह लड़ाई काफी ज्यादा लंबी थी,मगर अंत में फैसला निर्भया के पक्ष में ही आया है।

01:22 PM Mar 20, 2020 IST | Desk Team

7 साल के लम्बे इंतजार के बाद आखिरकार निर्भया को इंसाफ मिल गया है। वैसे इस बात में कोई शक नहीं कि यह लड़ाई काफी ज्यादा लंबी थी,मगर अंत में फैसला निर्भया के पक्ष में ही आया है।

7 साल के लम्बे इंतजार के बाद आखिरकार निर्भया को इंसाफ मिल गया है। वैसे इस बात में कोई शक नहीं कि यह लड़ाई काफी ज्यादा लंबी थी,मगर अंत में फैसला निर्भया के पक्ष में ही आया है। आज सुबह यानी 20 मार्च की सुबह निर्भया के चारों गुनाहगारों को फांसी दी जा चुकी है।
 आज सुबह करीब साढ़े पांच बजे चारों आरोपियों,पवन गुप्ता,विनय शर्मा,अक्षय ठाकुर एंव मुकेश सिंह  को फांसी हो गई है। मगर क्या आपको मालूम है कि भारत अपराधियों को फांसी देने के बाद उसकी डेड बॉडी के साथ क्या किया जाता है? अगर नहीं तो बता दें कि फांसी देने से पहले और बाद में कई सारी चीजों का ध्यान रखा जाता है। तो चालिए आपको बताते हैं उस प्रक्रिया के बारे में…
1.फांसी की सजा पाए जाने वाले दोषियो को अपना पक्ष रखने का पूरा टाइम दिया जाता है। ठीक वैसे ही निर्भया केस में भी दोषियों को बचाने के लिए पूरा समय दिया गया था। इस वजह से कई बार दोषियों के डेथ वारंट जारी कर देने के बाद भी फांसी रोक दी गई। 
2.अक्सर आपन सुना होगा या देखा हो कि फांसी के लिए केवल सुबह का समय ही चुना जाता है। सूर्योदय के समय फांसी देने के पीछे एक वजह यह भी है कि फांसी देने के बाद जो और तमाम प्रक्रिया बची हुई है उसे दिन में ही पूरा कर लिया जाए और शव को अपराधी के घर सौंप दिया जाए। 
3.अपराधियों को जिस रस्सी से फांसी दी जाती है,वो दरअसल मनीला रोप होती है और यह बहुत मजबूत होती है। इस रस्सी को बक्सर जेलों में तैयार किया जाता है। 
4.फांसी देने से पहले अगर अपराधी हिंदू है तो जल्लाद उसे हे राम कहता है और अगर अपराधी मुस्लिम है तो जल्लाद उसे सलाम कहता है। 
5.साथ ही जल्लाद फांसी देने से पहले अपराधियों से माफी मांगते हुए कान में कहता है कि मैं अपने फर्ज के आगे मजबूर हूं। फिर जल्लाद लीवर को खींच देता है और अपराधी को फांसी पर लटका दिया जाता है। 
6.हर के अपराधी को फांसी पर लटकने के बाद कुछ घंटे तक वैसे ही लटका कर रखा जाता है और आगे इसके आगे का काम मेडिकल टीम पूरा करती है। 
7.करीब 2 घंटे बाद डॉक्टर अपराधी को मेडिकल रिपोर्ट में मृत घोषित कर देती है। फिर उनके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया जाता है। इसके बाद यह सब कुछ सरकार के ऊपर निर्भर करता है कि अपराधियों के शवों को उनके घर वालों को सौंपा जाएगा की नहीं। 
8.इस पूरी प्रक्रिया के समय जेल में जेल अधीक्षक,डिप्टी जेल अधीक्षक,आरएमओ,मेडिकल अफसर और मजिस्ट्रेट या उनकी एडीएम मौजूद रहते हैं। 
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