सरकार की बड़ी पहल, शुरू की Bharat Taxi Cab सेवा, अब Ola-Uber की मनमानी पर लगेगी लगाम!
What is Bharat Taxi Service: केंद्र सरकार ने यात्रियों के लिए एक अहम पहल की है। बता दें, कि देश में कई सालों से टैक्सी बाजार पर कुछ निजी ऐप-आधारित कंपनियों जैसे ओला और ऊबर का दबदबा रहा है। यात्रियों के पास विकल्प सीमित थे, वहीं ड्राइवरों की आमदनी का बड़ा हिस्सा कमीशन के रूप में चला जाता था। अब इस स्थिति को बदलने के लिए केंद्र सरकार ने एक नया कदम उठाया है — “भारत टैक्सी”, जो देश की पहली सहकारी टैक्सी सेवा (Cooperative Taxi Service) के रूप में शुरू की गई है।
What is Bharat Taxi Service: भारत टैक्सी क्या है?
भारत टैक्सी केंद्र सरकार की एक पहल है, जिसे केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग (NeGD) ने मिलकर तैयार किया है। इसका उद्देश्य है ड्राइवरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और यात्रियों को पारदर्शी व सस्ती टैक्सी सुविधा देना। इस योजना को लागू करने की जिम्मेदारी ‘सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड’ के पास है, जिसकी स्थापना जून 2025 में की गई थी।
Bharat Taxi Launched: निजी टैक्सी सेवाओं की मनमानी का ऑप्शन
पिछले कुछ वर्षों में निजी ऐप-आधारित टैक्सी सेवाओं को लेकर शिकायतें बढ़ी हैं, जैसे कभी अचानक किराया बढ़ जाना, कभी ड्राइवर द्वारा बुकिंग रद्द कर देना या फिर गाड़ियों की खराब स्थिति। इसके अलावा, ड्राइवरों को अपनी कमाई का लगभग 25% तक कमीशन कंपनियों को देना पड़ता है। भारत टैक्सी इन सब समस्याओं का समाधान बनने जा रही है। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां ड्राइवर को उसकी पूरी कमाई मिलती है, बिना किसी कमीशन के।
‘नो कमीशन’ मॉडल: ड्राइवर बने मालिक
भारत टैक्सी का सबसे खास पहलू है इसका ‘नो कमीशन’ मॉडल। यहां ड्राइवर को केवल एक सदस्यता शुल्क (Membership Fee) देना होगा, जो दैनिक, साप्ताहिक या मासिक हो सकता है। इसके बाद हर यात्रा की पूरी कमाई उसी ड्राइवर की होगी। सरकार का मानना है कि यह मॉडल लाखों ड्राइवरों को आर्थिक सुरक्षा और आत्मनिर्भरता देगा। यहां ड्राइवरों को ‘सारथी’ कहा जाएगा, जिससे उन्हें सम्मान और स्वामित्व का भाव मिलेगा।
Bharat Taxi Explained: दिल्ली से शुरुआत, जल्द ही पूरे देश में विस्तार
भारत टैक्सी का पायलट प्रोजेक्ट नवंबर में दिल्ली से शुरू होगा। शुरुआती चरण में करीब 650 गाड़ियां और उनके मालिक-ड्राइवर इसमें शामिल होंगे। दिसंबर से इसका विस्तार अन्य बड़े शहरों में किया जाएगा। पहले चरण में लगभग 5,000 ड्राइवर (महिलाएं भी शामिल) जुड़ने जा रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक सभी प्रमुख मेट्रो शहरों में यह सेवा उपलब्ध हो और 2030 तक एक लाख ड्राइवरों का नेटवर्क तैयार हो जाए।
सहकारी मॉडल से पारदर्शिता और भरोसा
भारत टैक्सी किसी निजी कंपनी की तरह नहीं, बल्कि एक सहकारी उद्यम के रूप में काम करेगी। इसका संचालन पारदर्शी तरीके से होगा ताकि हर सदस्य को बराबरी का लाभ मिले। इसकी निगरानी के लिए बनी गवर्निंग काउंसिल की अध्यक्षता अमूल के एमडी जयेन मेहता कर रहे हैं, जबकि एनसीडीसी के डिप्टी एमडी रोहित गुप्ता उपाध्यक्ष हैं।
अमित शाह का विजन
गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा था कि जल्द ही एक सहकारी टैक्सी सेवा शुरू होगी, जिससे ड्राइवरों को असली मुनाफा मिलेगा। उनका कहना था कि अब टैक्सी सर्विस से होने वाली कमाई किसी बड़ी कंपनी के पास नहीं जाएगी, बल्कि सीधे ड्राइवर के पास पहुंचेगी।
भविष्य का नया परिवहन मॉडल
भारत टैक्सी केवल एक टैक्सी ऐप नहीं, बल्कि ड्राइवरों और यात्रियों के बीच भरोसे का नया पुल है। इसका उद्देश्य है एक ऐसा ट्रांसपोर्ट सिस्टम बनाना जहां तकनीक, सहकारिता और पारदर्शिता साथ मिलकर काम करें।
अगर यह पहल सफल रही, तो भारत टैक्सी न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया भर में “कोऑपरेटिव मोबिलिटी” का एक उदाहरण बन सकती है।
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