What is Digital Arrest : क्या होता है Digital Arrest, कैसे है ये खतरनाक?
क्या होता है Digital Arrest, कैसे है ये खतरनाक?
Digital Arrest शब्द काफी समय से खबरों में बना हुआ है। इसका मतलब होता है कि साइबर अपराधाी या अन्य डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल करके किसी व्यक्ति की गोपनीय जानकारी हासिल कर उसका दुरुपयोग करता है
साइबर अपराधी सोशल मीडिया पर नकली प्रोफाइल बनाकर लोगों से दोस्ती करते हैं। फिर उनकी निजी जानकारी लेकर ठगी करते हैं। बता दें कि ये अपराधी अक्सर फेक ऑफर्स या फिर नकली योजनाओं का झांसा देते हैं
ये अपराधी ईमेल, मैसेज या वेबसाइट के जरिए लोगों को झांसे में लेकर उनके बैंकिंग डिटेल्स, पासवर्ड आदि को चुरा लेते हैं। इसके लिए असली वेबसाइट की तरह दिखने वाली नकली वेबसाइट का यूज करते हैं
अपराधी नकली ई-कॉमर्स वेबसाइट्स बनाते हैं या असली वेबसाइट्स पर नकली ऑफर्स को प्रोमोट करेत हैं। ऐसे में लोग फर्जी प्रोडक्ट्स के लिए पेमेंट्स करते हैं और उन्हें कुछ नहीं मिलता है
कई बार अपराधी किसी व्यक्ति की गोपनीय जानकारी या फोटो चुराकर उसे ब्लैकमेल करते हैं। इसे साइबर बुलिंग भी कहते हैं
अपराधी यूपीआई और ई-वॉलेट का गलत इस्तेमाल करके लोगों के पैसे ठगते हैं। जैसे फर्जी लिंक या क्यूआर कोड भेजकर उनके खाते से पैसे निकाल लेते हैं
अपराधी झूठे लॉटरी, इनाम या निवेश स्कीम का लालच देकर लोगों से पहले पैसे एडवांस में ले लेते हैं और फिर गायब हो जाते हैं
ठगी से बचने के लिए डिजिटल जीवन में सुरक्षा के उपाय अपनाएं। मजबूत पासवर्ड, दो-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी जांच करें