भारत का क्या है मास्टरस्ट्रोक... अफगानिस्तान से रोकेगा पाकिस्तान का पानी?
भारत-अफगानिस्तान की सहमति से पाकिस्तान चिंतित
भारत और अफगानिस्तान के बीच शहतूत बांध परियोजना पर सहमति ने पाकिस्तान की चिंता बढ़ा दी है। बांध निर्माण से पाकिस्तान की जल सुरक्षा प्रभावित हो सकती है, जबकि विशेषज्ञ इसे भारत की रणनीति में कूटनीतिक बढ़त मानते हैं। इससे पाकिस्तान को अफगानिस्तान पर निर्भर रहना होगा।
भारत और अफगानिस्तान के बीच शहतूत बांध परियोजना पर बनी सहमति ने पाकिस्तान की चिंता और अधिक बढ़ा दी हैं. बांध निर्माण से पाकिस्तान की जल सुरक्षा प्रभावित हो सकती है, जबकि विशेषज्ञ इसको भारत की रणनीति में कूटनीतिक बढ़त मानती है. भारत ने शहतूत बांध परियोजना को जल्द पूरा करने के लिए अफगानिस्तान की वित्तीय मदद के लिए पेशकश की है. जल्द ही काबुल और कुनार नदियों पर बांध निर्माण का निर्माण संभव होगा।
विदेश मंत्री एस जयशंकर की वार्ता
सिंधु घाटी से जुड़ी इन दोनों नदियों काबुल और कुनार पर बांध बनने के बाद पाकिस्तान के एक बड़े हिस्से को पेयजल के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. इससे पाकिस्तान को अफगानिस्तान के रहमोकरम पर रहना होगा। सूत्रों हवाले से खबर है कि गुरुवार को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की अफगान समकक्ष अमीर खान मुत्ताकी के साथ वार्ता हुई जिसमें शहतूत बांध परियोजना का विशेष रूप से जिक्र हुआ. भारत ने इस परियोजना में अफगानिस्तान को मदद का भरोसा दिया है.
अफगानिस्तान का पाकिस्तान पर वार
अफगानिस्तान को दोनों बांधों के लिए पाकिस्तान से किसी भी तरह की अनुमति लेने जैसी कोई बाध्यता नहीं है. काबुल नदी की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि इस जगह बांध बनने से पाकिस्तान की खैबर पख्तूनख्वा में पानी का एक बड़ा स्रोत बाधित हो जाएगा. काबुल नदी हिंदूकुश के पहाड़ों से निकलती है, जो पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा तक जाती है. कुनार नदी भी काबुल नदी में जाकर मिलती है. इस बांध के निर्माण से पाकिस्तान को बड़ा नुकसान हो सकता है.
भारत का मास्टरस्ट्रोक
विशेषज्ञों के अनुसार यह सहमति भारत के लिए मास्टरस्ट्रोक साबित होगी. भारत का यह कूटनीतिक पहल पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए है. प्रस्तावित बांध परियोजनाएं पर बनी सहमति पाकिस्तान के लिए किसी नई मुसीबत खड़ा करने वाला है।
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