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Sawan 2025: क्या है श्रावण मास में शिव अभिषेक का महत्व

04:22 PM Jun 25, 2025 IST | Astrologer Satyanarayan Jangid
sawan 2025  क्या है श्रावण मास में शिव अभिषेक का महत्व
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Sawan 2025: सावन मास का नाम सुनते ही शिव भक्तों के चेहरे पर एक चमक आ जाती है। सच्चे शिव भक्त 11 मास तक सावन मास की प्रतीक्षा करते हैं। जैसा कि सर्वविदित है कि श्रावण मास में सोमवार का विशेष महत्व है। इस दिन शिव भक्त अपने आराध्य की कृपा प्राप्ति के लिए व्रत और पूजा का आयोजन करते हैं। शिव की विशेष पूजा को शिव अभिषेक कहते हैं। हालांकि आप किसी भी दिन शिव का अभिषेक कर सकते हैं। उसके लिए किसी विशेष मुहूर्त आदि को देखने की आवश्यकता नहीं होती है। और श्रावण मास तो वैसे भी शिव को समर्पित है। विक्रम संवत 2082 के श्रावण मास में कुल 4 सोमवार है।

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क्षावण मास

श्रावण मास कब आरम्भ होगा
श्री आषाढ़ पूर्णिमा के दूसरे दिन से श्रावण या सावन मास की शुरूआत होती है। आषाढ़ पूर्णिमा को गुरू पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस बार आषाढ़ पूर्णिमा अंग्रेजी दिनांक 10 जुलाई 2025 को है। इसके दूसरे दिन अर्थात् 11 जुलाई 2025, शुक्रवार से श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की शुरुआत होगी। प्रत्येक महीने में मास शिव रात्रि आती है लेकिन श्रावण मास में आने वाली मास शिवरात्रि का विशेष महत्व है। इस श्रावण मास में श्रावण कृष्ण पक्ष चतुर्दशी, बुधवार अंग्रेजी दिनांक 23 जुलाई 2025 को मास शिव रात्रि है। श्रावण मास का समापन अंग्रेजी दिनांक 9 अगस्त 2025 को होगा।

 

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श्रावण मास

इस श्रावण में आएंगे चार सोमवार
वैसे तो पूरा श्रावण मास ही शिव की आराधना के लिए फलदायी समझा गया है। शिव बहुत ही शीघ्रता और कम से कम औपचारिकताओं से प्रसन्न होकर वरदान देने वाले हैं। इसलिए श्रावण मास में प्रत्येक दिन का अपना खास महत्व होता है। लेकिन लोक मान्यताओं के अनुसार श्रावण मास में सोमवार के व्रत और शिव अभिषेक का खास महत्व है। शिव भक्तों की सुविधा के लिए मैं नीचे श्रावण मास में आने वाले सभी सोमवारों की जानकारी दे रहा हूं। यहां यह ध्यान में रखने की बात है कि श्रावण मास के ये दिन पंचांग की गणित भेद के कारण केवल उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखण्ड, पंजाब, छत्तीसगढ़, बिहार, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और झारखण्ड जैसे क्षेत्रों में मान्यता प्राप्त है। दूसरे प्रदेशों में अलग समयावधि है जिसके बारे में आगे दिया गया है।

श्रावण मास का पहला सोमवार
श्रावण कृष्ण पक्ष चतुर्थी, संवत 2082 अंग्रेजी दिनांक 14 जुलाई 2025

श्रावण मास का दूसरा सोमवार
श्रावण कृष्ण पक्ष एकादशी, संवत 2082 अंग्रेजी दिनांक 21 जुलाई 2025

श्रावण मास का तीसरा सोमवार
श्रावण शुक्ल चतुर्थी, संवत 2082 अंग्रेजी दिनांक 28 जुलाई 2025

श्रावण मास का चौथा सोमवार
श्रावण शुक्ल पक्ष दशमी, संवत 2082 अंग्रेजी दिनांक 4 अगस्त 2025

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श्रावण मास

बाकी प्रदेशों में लिए श्रावण मास कब आरम्भ होगा
पंचांग की गणित भेद के कारण गुजरात, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु, गोवा, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना के लिए सावन मास का आरम्भ 25 जुलाई 2025 शुक्रवार से होगा। और यहां श्रावण मास की समाप्ति 23 अगस्त 2025, शनिवार को होगा। इस आधार पर यहां पर श्रावण मास के सोमवार भी बदल जाते हैं, जिनके बारे में यहां दिया गया है।

श्रावण का पहला सोमवार
28 जुलाई 2025

श्रावण मास का दूसरा सोमवार
4 अगस्त 2025

श्रावण मास का तीसरा सोमवार
11 अगस्त 2025

श्रावण मास का चौथा सोमवार
18 अगस्त 2025

 

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श्रावण मास

सूक्ष्म शिव अभिषेक कैसे करें
श्रावण मास में प्रतिदिन या प्रति सोमवार को शिव अभिषेक करने से बहुगुणा फलों की प्राप्ति होती है। शिव अभिषेक बहुत ही सूक्ष्म और विस्तृत रूप से किया जा सकता है। सब कुछ आपकी आस्था और क्षमता पर निर्भर करता है। भगवान शिव तो मात्र जल से किये गये अभिषेक से भी प्रसन्न हो जाते हैं। आमतौर पर शिव अभिषेक के लिए दूध, दही, जल, घी, गन्ने का रस और शहद आदि पदार्थों का उपयोग किया जाता है। अभिषेक से पहले प्रातः स्वयं को पूरी तरह से शारीरिक और मानसिक तौर शुद्ध करें। इसके साथ ही शिवालय या अपने पूजा स्थान को पूरी से स्वच्छ करें। उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके आसन लगाएं। शिवलिंग का चंदन, बेलपत्र और फूलों से शृंगार करें। इसके बाद गंगा जल, दूध, दही, घी, गन्ने का रस और शहद आदि से शिव का अभिषेक करें। इस दौरान महामृत्युंजय का जाप करें या फिर ओम नमः शिवाय का जाप भी कर सकते हैं। यदि आपको वैदिक पद्धति से शिव अभिषेक करना है तो किसी विद्वान की सहायता लेनी चाहिए।

 

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श्रावण मास

क्या है श्रावण मास का माहात्म्य
आमतौर पर श्रावण मास को भगवान शिव का महिना माना जाता है। मान्यता है कि इस मास में शिव की आराधना का सरलता से फल प्राप्त होता है। श्रावण मास में शिव की आराधना से व्रत और शिव अभिषेक करने से पूर्व जन्म के पापों से छुटकारा मिलता है। सगाई-विवाह में आ रही बाधाओं का निवारण होता है। असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है। बिजनेस में चली आ रही बाधाओं का निवारण होता है। जो कार्य महीनों से अटके पड़े हैं वे आसानी से होते हैं। कुछ विद्वानों का यह भी मत है कि श्रावण मास के सोमवार को व्रत रखते हुए शिव अभिषेक करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

 

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Astrologer Satyanarayan Jangid

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