For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

क्या है किराकिरा नाम? जिसपर जापान की सरकार ने लगाई लगाम, जानें वजह

जापान में ‘किराकिरा’ नाम पर रोक, जानें इसके पीछे की कहानी

02:40 AM May 29, 2025 IST | Amit Kumar

जापान में ‘किराकिरा’ नाम पर रोक, जानें इसके पीछे की कहानी

क्या है किराकिरा नाम  जिसपर जापान की सरकार ने लगाई लगाम   जानें वजह

जापान में अनोखे ‘किराकिरा नेम्स’ के चलन से उत्पन्न समस्याओं के चलते सरकार ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब माता-पिता को बच्चे के नाम के साथ उसका उच्चारण भी स्पष्ट करना होगा। इस कदम का उद्देश्य नामों की स्पष्टता सुनिश्चित करना है, जिससे स्कूल, अस्पताल और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भ्रम की स्थिति न बने।

japan News: जापान में बीते कुछ वर्षों में अनोखे और असामान्य नाम रखने का चलन काफी बढ़ गया था. इन नामों को वहां ‘किराकिरा नेम्स’ कहा जाता है, जिसका अर्थ है ऐसे नाम जो देखने और सुनने में बिल्कुल अलग और चमकदार लगें. इन नामों को आमतौर पर कनजी अक्षरों में लिखा जाता है, लेकिन माता-पिता केवल ध्वनि के आधार पर नाम चुनते हैं. जैसे कोई बच्चा ‘पिकाचू’ जैसा नाम पा जाए, तो उसके अनुरूप कनजी का चयन कर लिया जाता है, भले ही उसका पारंपरिक उच्चारण कुछ और ही हो.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, समस्या तब शुरू हुई जब इन किराकिरा नामों के कारण स्कूल, अस्पताल, बैंक और सरकारी दफ्तरों में कन्फ्यूजन की स्थिति पैदा होने लगी. एक ही कनजी के कई उच्चारण होने के कारण लोगों को यह समझने में परेशानी होती थी कि नाम पढ़ा कैसे जाए. शिक्षकों, नर्सों और अधिकारियों को बच्चों का सही नाम पुकारने में कठिनाई होती थी.

सरकार ने उठाया ये नया कदम

इस दौरान अब जापानी सरकार ने इस ट्रेंड पर रोक लगाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. नए नियमों के मुताबिक, जब माता-पिता अपने बच्चे का नाम पंजीकृत कराएंगे, तो उन्हें उस नाम का उच्चारण भी स्पष्ट रूप से बताना होगा. अगर नाम का उच्चारण उस कनजी के पारंपरिक या मान्य उच्चारण से मेल नहीं खाता, तो नाम को अस्वीकृत किया जा सकता है या फिर अतिरिक्त दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी करनी होगी.

इस कदम का उद्देश्य है कि नामों को पढ़ने, समझने और बोलने में कोई कठिनाई न हो और बच्चे भी भविष्य में अपने नाम को लेकर शर्मिंदगी या मजाक का शिकार न बनें.

सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रिया

इस फैसले के बाद जापान में सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई. कुछ लोगों का मानना है कि यह माता-पिता के अधिकारों में दखल है. उनका कहना है कि बच्चों पर पहला अधिकार सरकार का नहीं बल्कि अभिभावकों का होता है. दूसरी ओर, कई लोग इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं. उनका तर्क है कि इससे समाज में पैदा हो रही व्यावहारिक समस्याओं का समाधान होगा और सार्वजनिक जीवन में स्पष्टता बनी रहेगी.

फिर सामने आया पाकिस्तान का नापाक चेहरा, आतंकियों से गले मिलते हुए नजर आए पाक PM

‘जापान में नामों को लेकर पुरानी बहस’

यह पहली बार नहीं है जब जापान में नामों को लेकर विवाद हुआ हो. वहां की मौजूदा व्यवस्था के अनुसार विवाहित जोड़ों को एक ही पारिवारिक नाम (सरनेम) रखना अनिवार्य है. अधिकतर मामलों में महिलाएं अपने पति का उपनाम अपना लेती हैं.अब जबकि सरकार ने पहले नामों पर भी नियंत्रण की प्रक्रिया शुरू कर दी है, यह माना जा रहा है कि पिछले चार दशकों से चल रहे अनोखे नामों के ट्रेंड पर अब विराम लग सकता है.

Advertisement
Advertisement
Author Image

Amit Kumar

View all posts

Advertisement
×