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क्या है सीट नंबर 11A का राज? 27 साल पहले भी इसपर बैठे यात्री की विमान हादसे में नहीं गई थी जान

क्या है सीट नंबर 11A का राज?

05:34 AM Jun 14, 2025 IST | Amit Kumar

क्या है सीट नंबर 11A का राज?

क्या है सीट नंबर 11a का  राज  27 साल पहले भी इसपर बैठे यात्री की विमान हादसे में नहीं गई थी जान

1998 में थाईलैंड में एक विमान हादसा हुआ था. इस विमान में जाने-माने गायक और अभिनेता जेम्स रुआंगसाक लोयचुसाक भी शामिल थे. वह थाई एयरवेज की उड़ान TG 261 में यात्रा कर रहे थे, जो दक्षिणी थाईलैंड में लैंडिंग के दौरान हादसे का शिकार हो गई थी. इस हादसे में 101 लोगों की मौत हुई थी, मगर रुआंगसाक अकेले जीवित बचे थे, और वह भी सीट नंबर 11A पर बैठे थे.

Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद में हाल ही में हुए एयर इंडिया विमान हादसे से पूरा देश सदमे में हैं. इस विमान में सफर कर रहे 242 लोगों में से सिर्फ एक व्यक्ति, विश्वास कुमार रमेश, ही जीवित बच पाए हैं. इस हादसे में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि रमेश जिस सीट पर बैठे थे. वह अब चर्चा का विषय बन गई है. उनकी सीट का नंबर 11A था. यह सीट 27 साल पहले भी चर्चा में आई थी.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 1998 में थाईलैंड में एक विमान हादसा हुआ था. इस विमान में जाने-माने गायक और अभिनेता जेम्स रुआंगसाक लोयचुसाक भी शामिल थे. वह थाई एयरवेज की उड़ान TG 261 में यात्रा कर रहे थे, जो दक्षिणी थाईलैंड में लैंडिंग के दौरान हादसे का शिकार हो गई थी. इस हादसे में 101 लोगों की मौत हुई थी, मगर रुआंगसाक अकेले जीवित बचे थे, और वह भी सीट नंबर 11A पर बैठे थे.

सोशल मीडिया पर डाला भावुक पोस्ट

इस दौरान जैसे ही रुआंगसाक को पता चला कि अहमदाबाद में हुए हालिया हादसे में भी सीट 11A पर बैठा व्यक्ति ही बचा, तो वह भावुक हो उठे. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा, “यह जानकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए कि भारत में भी उसी सीट पर बैठा व्यक्ति बच गया, जिस पर मैं 27 साल पहले बैठा था.” उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना भी व्यक्त की.

‘मानसिक रूप से बहुत टूट गए थे’

रुआंगसाक ने अपने पुराने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि विमान हादसे के बाद वह मानसिक रूप से बहुत टूट गए थे और करीब 10 सालों तक हवाई यात्रा से दूरी बनाए रखी. उन्होंने कहा कि जब उन्होंने भारत में हुए हादसे के बारे में सुना, तो उनकी पुरानी यादें फिर से ताज़ा हो गईं, जो आज भी उन्हें झकझोर देती हैं.

एक और जीवित बचे का अनुभव

1985 में नेवादा (अमेरिका) में एक विमान हादसा हुआ था, जिसमें जॉर्ज लैमसन जूनियर अकेले जीवित बचे थे. भारत में हुए हादसे की खबर जानकर उन्होंने भी सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी और कहा, “ऐसे हादसों से गुजरने वाला व्यक्ति उस पल को जीवन भर नहीं भूल पाता.”

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प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात

हादसे में बुरी तरह घायल होने के बावजूद, रमेश पास की एम्बुलेंस तक खुद चलकर पहुंचे. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि वह दर्द में और भ्रमित अवस्था में थे लेकिन खतरे से बाहर हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने अस्पताल जाकर रमेश से मुलाकात की और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.

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