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US की इस Secret City का क्या है सच ? आखिर क्यों यहां के लोग कुछ भी कहने से डरते थे ? जानिए पूरा किस्सा

12:41 PM Oct 09, 2023 IST | Pratibha

कोई रहस्यमई या ऐसी बात जिनके बारे में आप नहीं जानते हैं? ऐसे तमाम खबरें आए दिन सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। हाल ही में एक ऐसी ही खबर सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड कर रहा है। बता दें 1942 में यूएस सरकार ने एक सीक्रेट सिटी बनाई। जहां लोगों को इस बात की चेतावनी दी जाती थी कि वह जो भी देखें, उसके बारे में वह ना तो बात करें।

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1942 में अमेरिकी राज्य टेनेसी के गांव में कुछ अजीब घटना हुई, और वहां की सरकारों ने चुपचाप 60000 एकड़ जमीनों पर अपना कब्जा करना शुरू कर दिया। इन जमीनों पर सीक्रेट सिटी का निर्माण शुरू कर दिया गया, और इस सिटी में उन लोगों को रहने दिया गया जो इसके अंदर क्या चल रहा है, इस बात की जानकारी को गुप्त रखें। इसके लिए उन्होंने उन लोगों से शपथ भी ली थी।

रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा करने के पीछे उनका दुनिया से खोफनाक सच को छुपाना था। सेकंड वर्ल्ड वॉर से पहले इस बंजर इलाके में तकरीबन 3000 लोगों के घर थे, लेकिन 19 सितंबर 1942 को यह स्थिति तब बदल गई, जब यूएस की सरकार सीक्रेट मैनहट्टन प्रोजेक्ट की देखरेख करने वाले ने फैसला किया कि दुनिया का पहला परमाणु बम बनाने का तरीका जानने के लिए यह सबसे सही जगह होगी।

बाद में इस जगह का नाम साइट एक्स से बदलकर क्लिंटन इंजीनियर वर्क्स कर दिया गया। 3 सालों के अंदर भरपूर जॉब के वादे ने 75000 लोगों का ध्यान इस सिटी ने खींचा। जिसमें रहने के लिए भरपूर सुविधाएं तो थी लेकिन यह सामान्य सिटी से बहुत अलग था। पूरी सिटी को बाड़ से सुरक्षित किया गया था। साथ ही हर गेट पर हथियार लिए हुए सैनिक भी तैनात थे। ओक रिज सिटी में रहने वाले लोगों को इस बात का जरा-सा भी अंदाजा नहीं था कि वह विनाश के हथियार बनाने में उनकी मदद कर रहे थे। वह एक ऐसे मिशन के साथ काम कर रही थे जो यूरेनियम को समृद्ध करती थी।

हालांकि नए शहर के अधिकतर निवासियों की तरह नाओमी को वास्तव में समझ नहीं आया कि वह क्या काम कर रही थी। केवल उसे सिटी के बड़े वैज्ञानिक ही जानते थे कि उसे सिटी में क्या बनाया जा रहा है। सिटी के चारों और लगाए गए संकेतों ने उन लोगों को चेतावनी दी थी कि वह जो कुछ भी सुन और देख रहे हैं उसको अपने मुंह में ही बंद रखें। नाओमी ने याद किया कि हमें नहीं पता था कि वह एक परमाणु बम था और अगर हमें पता होता तो हम इसके बारे में बात नहीं कर सकते थे। अगर बात किया तो उसे अगले दिन मार दिया जाता था। इस मिशन का लक्ष्य तब प्राप्त हुआ जब वर्कर्स ने परमाणु बम में यूरेनियम को सफलतापूर्वक समृद्ध किया। और 6 अगस्त 1947 को इस सिटी का रहस्य आखिरकार उजागर हो गया।

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