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क्या था Malegaon Blast Case? जिसमें कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा समेत सभी आरोपियों को किया बरी

12:09 PM Jul 31, 2025 IST | Shivangi Shandilya
Malegaon Blast Case

Malegaon Blast Case: मालेगांव ब्लास्ट केस में आज 31 जुलाई 2025 को NIA स्पेशल कोर्ट ने 17 साल बाद बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस मामले में मुख्य आरोपी भोपाल की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर समेत सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है। तो चलिए जानते है यह पूरा मामला क्या है।

क्या है पूरा मामला?

महाराष्ट्र में नासिक जिले के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को ब्लास्ट हुआ था। इस धमाके (Malegaon Blast Case) में 6 लोगों की जान गई थी। इसके अलावा सौ से अधिक लोग जख्मी हुए थे। धमाके उस दौरान हुआ जब लोग रमजान के दौरान नमाज पढ़ने जा रहे थे। यही वजह है कि घायलों की संख्या अधिक थी। हमले के ठीक एक दिन बाद यानी 30 सितंबर 2008 को मालेगांव के ही आजादनगर थाने में केस दर्ज हुआ। यहां उस दौरान 307, 302, 326, 324, 427, 153-ए, 120बी, विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।

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Malegaon Blast Case

ATS कर रही थी जांच

बता दें कि ब्लास्ट मामले में शुरूआती जांच पुलिस की तरफ से हुई थी लेकिन बाद में पूरी जांच ATS को सौंप दी गई थी। इस जांच के दौरान सामने आया कि जो ब्लास्ट हुआ था वह MLA फ्रीडम (MH15P4572) नंबर की बाइक से हुआ था। इसी बाइक में ही बम को फिट किया गया था। हालांकि, बाइक पर मिला नंबर गलत था और उसका इंजन नंबर भी मिटा हुआ था।

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किस तरह साध्वी का नाम आया सामने

वहीं इस मामले में FSL की विशेष टीम ने बाइक के सही नंबर का पता लगाया, जिसमें सामने आया कि यह बाइक साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के नाम है। घटना के करीब एक महीने बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के साथ 2 और लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पूरे मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जबकि साध्वी प्रज्ञा को इस मामले (Malegaon Blast Case) में मुख्य आरोपी बनाया गया था।

Malegaon Blast Case

300 से अधिक गवाहों के बयान

मालेगांव घमाके मामले (Malegaon Blast Case) में कुल मिलाकर पुलिस, ATS और NIA ने जांच कर दी थी। पूरे केस के ट्रायल के दौरान 300 से अधिक गवाहों के बयान लिए गए, जो मुख्य मामले में गवाह के तौर पर उनका नाम दर्ज था लेकिन वे कोर्ट में मुकर गए. पूरी मामले की सुनवाई आज लगभग 17 साल के बाद हुई। हालांकि आज 17 साल बाद इस मामले पर कोर्ट अपना फैसला सुनाया। जिसमें सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है।

कोर्ट के फैसले पर साध्वी ने क्या कहा?

NIA कोर्ट में जज को संबोधित करते हुए साध्वी प्रज्ञा सिंह ने कहा, "मैंने शुरू से ही कहा था कि जिन्हें भी जांच के लिए बुलाया जाता है, उनके पीछे कोई न कोई आधार ज़रूर होना चाहिए। मुझे जांच के लिए बुलाया गया और मुझे गिरफ़्तार करके प्रताड़ित किया गया। इससे मेरा पूरा जीवन बर्बाद हो गया। मैं एक साधु का जीवन जी रही थी लेकिन मुझ पर आरोप लगाए गए और कोई भी हमारे साथ खड़ा नहीं हुआ। मैं ज़िंदा हूं क्योंकि मैं एक सन्यासी हूं। उन्होंने साज़िश करके भगवा को बदनाम किया। आज भगवा की जीत हुई है, हिंदुत्व की जीत हुई है और ईश्वर दोषियों को सज़ा देगा। हालांकि, भारत और भगवा को बदनाम करने वालों को आपने ग़लत साबित नहीं किया है."

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