स्वच्छ भारत अभियान का कितना हुआ गांवों-शहरों में असर ? बापू का सपना अब हो रहा साकार
देश के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जिनका सालों से एक ही सपना था की हमारा देश सुन्दर फूल की तरह महकते रहे। लेकिन इस सपने पर तब ध्यान दिया गया जब भरता में प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी आये। जिन्होंने साल 2014 में ही बापू के सपने को साकार करने का ठाना। और देशभर में स्वछता अभियान चलाया। आज इस अभियान को चलाते हुए 10 साल पुरे होने वाले हैं। जब ये अभियान शुरू हुआ था तब हर गली मोहल्ले, स्कूल सड़क और कई अन्य क्षेत्रों में स्वछता अभियान के नारे लगाए जा रहे थे। लेकिन अब सवाल तो ये उठता है की साल 2014 से लेकर अबतक स्वछता अभियान के ज़रिये देश में क्या-क्या बदलाव आये हैं। आइये जानते हैं की क्या इन 9 सालों के अंदर देश में स्वछता अभियान का कुछ असर पड़ा है।
शौच को लेकर बदली लोगों की सोच
पहले लोग जब भी शौचालय के बारे में सोचा करते थे तब वह हमेशा बाग बगीचे या फिर खेत की ओर जाने का सोचा करते थे। लेकिन स्वच्छता अभियान के जरिए गांव कस्बों के लोगों को यह बताया गया कि उनका खुले में शौच करना कितना हानिकारक है। इतना ही नहीं बल्कि मोदी सरकार ने खुले में शौच न करने के कई तरकीबों को भी अपनाया जिसमें उन्होंने देशभर में नए-नए और सुंदर-सुंदर शौचालय बनाने के कंपीटीशन भी रखें। इतना ही नहीं बल्कि खुले में शौच न करने को लेकर कई ऐड भी टीवी पर दिखाए गए जिससे लोगों को जागरूकता मिली और अब लोग खुले की जगह बंद कमरे में मल करते हैं।
- भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार 2 अक्टूबर 2014 से लेकर 2 अक्टूबर 2019 तक देश में करीबन 10,07,62,869 शौचालय बनाए गए।
- जनवरी 2020 की रिपोर्ट के अनुसार 36 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के 706 जिलों के अंदर 603, 175 गांव को खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया गया।
- इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात के 105 में संस्करण के अंदर देश के लोगों को स्वच्छता अभियान की भी याद दिलाए जहां उन्होंने 29 सितंबर के दिन सोशल मीडिया साइट एक्सपर्ट अपील की की रविवार 1 अक्टूबर को सभी देशवासी करीबन एक घंटा कम से कम सार्वजनिक सफाई और सुचिता को जरूर दें।

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