व्हाट्सएप ने स्थापित की स्थानीय डाटा संग्रहण प्रणाली
व्हाट्सएप ने मंगलवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों के तहत से उसने देश के भीतर ही भुगतान संबंधी डाटा रखने की प्रणाली स्थापित की है।
नई दिल्ली : दुनिया की सबसे लोकप्रिय मेसेजिंग सेवा एप व्हाट्सएप ने मंगलवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों के तहत से उसने देश के भीतर ही भुगतान संबंधी डाटा रखने की प्रणाली स्थापित की है। आरबीआई ने अप्रैल में अपने परिपत्र में भुगतान सेवा देने वाले सभी परिचालकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि भुगतान संबंधी सभी आंकड़ों का संग्रहण उन्हें केवल भारत में ही स्थापित एक प्रणाली में करना होगा।
रिजर्व बैंक ने ऐसा करने के लिए कंपनियों को 15 अक्टूबर तक की मोहलत दी थी। व्हाट्सएप के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक के डाटा संग्रहण संबंधी परिपत्र के अनुपालन के लिए हमने एक प्रणाली स्थापित की है जो भुगतान संबंधी सभी आंकड़ों का भारत में ही स्थानीय तौर पर संग्रहण करेगी।’’ व्हाट्सएप इस साल की शुरुआत से देश में अपनी भुगतान सेवाओं का प्रायोगिक परीक्षण कर रही है। भारत में अभी करीब 10 लाख लोग व्हाट्सएप की इस सेवा का उपयोग कर रहे हैं।
व्हाट्सएप को फिर नोटिस भेजेगी सरकार
उन्होंने कहा कि जल्द ही इस सेवा को देशभर में शुरू किए जाने की योजना है, ताकि यह देश के ‘वित्तीय समावेश लक्ष्यों’ को पूरा करने में अपना योगदान कर सके। सोमवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली और रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर बी. पी. कानूनगो ने वैश्विक वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए डाटा स्थानीयकरण नियम को लेकर बैठक की थी। इस बैठक में आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग, वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार और सूचना प्रौद्योगिकी सचिव अजय प्रकाश साहनी भी शामिल हुए।