पंजाब में गेहूं की खरीद पूरी, किसानों को 28,500 करोड़ का सीधा भुगतान
पंजाब में गेहूं खरीद का भुगतान सीधे किसानों को
पंजाब में डेढ़ महीने तक चली रबी सीजन की गेहूं खरीद प्रक्रिया अब समाप्त हो चुकी है। इस दौरान राज्य की मंडियों में 7.24 लाख से अधिक किसान पहुंचे और कुल 130.03 लाख मीट्रिक टन गेहूं की आमद दर्ज की गई। इसमें से सरकारी एजेंसियों ने 119.23 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा, जबकि निजी व्यापारियों ने 10.79 लाख मीट्रिक टन की खरीद की। खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक ने जानकारी दी कि इस पूरी प्रक्रिया के तहत किसानों को कुल 28,500 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जो सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया है। सरकार की सीधी भुगतान प्रणाली से किसानों को बिचौलियों से मुक्ति मिली है और पारदर्शिता बनी रही है। मंत्री ने इस प्रक्रिया को सफल और समयबद्ध बताया है, जिससे किसान संतुष्ट नजर आ रहे हैं। अब सारा ध्यान खरीदी गई गेहूं की लिफ्टिंग और स्टोरेज पर केंद्रित है।
रोजाना 2.5 लाख मीट्रिक टन की हो रही लिफ्टिंग
मंत्री कटारूचक ने बताया कि अभी तक खरीदी गई कुल गेहूं में से 104.51 लाख मीट्रिक टन की लिफ्टिंग की जा चुकी है। रोजाना औसतन 2.5 लाख मीट्रिक टन की रफ्तार से लिफ्टिंग का कार्य चल रहा है, जिसे अगले 6 से 7 दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। यह प्रक्रिया राज्य सरकार द्वारा तय समयसीमा के भीतर पूरी करने की योजना के तहत हो रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लिफ्टिंग की प्रक्रिया पर भी कड़ी निगरानी रख रही है ताकि गेहूं समय पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच जाए।
स्टोरेज व्यवस्था में तीन स्तरों पर काम
पंजाब सरकार ने इस बार स्टोरेज व्यवस्था को मजबूत करने के लिए तीन स्तरों पर योजना बनाई है। राज्य ने 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं की स्टोरेज स्वयं की है, जबकि 57 हजार मीट्रिक टन गेहूं मिलों या अन्य निजी गोदामों में रखा गया है। इसके अलावा भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने 10.50 लाख मीट्रिक टन गेहूं की स्टोरेज की है। एफसीआई द्वारा स्टोरेज के लिए निर्धारित प्वाइंट्स से गेहूं की लिफ्टिंग की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
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किसानों को मिला समय पर भुगतान
इस बार की खरीद प्रक्रिया की सबसे बड़ी उपलब्धि किसानों को समय पर मिला भुगतान रहा। कुल 28,500 करोड़ रुपये की राशि सीधे डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के जरिए किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की गई। इससे किसानों में सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है और पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है। मंत्री ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया केंद्र और राज्य सरकार के समन्वय से सफल रही है। सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ निजी खिलाड़ियों की हिस्सेदारी में भी इस बार उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 10.79 लाख मीट्रिक टन गेहूं निजी व्यापारियों द्वारा खरीदा गया, जो दर्शाता है कि मंडियों में प्रतिस्पर्धा बनी हुई है। इससे किसानों को विकल्प भी मिले और बेहतर दाम मिलने की संभावना भी बनी रही। सरकार अब भविष्य में इस प्रक्रिया को और अधिक सुगम और तकनीक आधारित बनाने की दिशा में काम कर रही है।